BL Santosh and CM Yogi Adityanath
BL Santosh and CM Yogi Adityanath उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बड़े अधिकारियों की मुलाकातों के दौर से अचानक बीजेपी के भीतर की सियासत गरमा गई है. बीजेपी के भीतर बहुत कुछ बदलने की चर्चा है. बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष की लखनऊ यात्रा ने कई अटकलों को जन्म दे दिया है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर चल रही है. चर्चा है कि बीएल संतोष अपने साथ बीजेपी के सांगठनिक बदलावों की फीडबैक को लेकर लखनऊ आए हैं.
बीएल संतोष की सीएम योगी के साथ बैठक-
बीएल संतोष की संघ और बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ बैठकें हुईं. संघ के उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ उनकी पहली बैठक लखनऊ के एक होटल में हुई. जहां यूपी के आरएसएस के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे. शाम करीब 6:30 बजे दूसरी बैठक मुख्यमंत्री आवास में हुई, जो बीजेपी की समन्वय बैठक कही जाती है.
इस बैठक में बीएल संतोष, प्रदेश संगठन महासचिव धर्मपाल सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मौजूद थे.
प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर चर्चा की अटकलें-
यूं तो समन्वय बैठक को सरकार के कामकाज पर संघ और संगठन की नजर के तौर पर देखा जाता है. लेकिन माना जा रहा है इस बैठक में सांगठनिक बदलाव को लेकर चर्चा हुई है. अटकलों के मुताबिक बीएल संतोष ने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर इस समन्वय बैठक में शीर्ष नेतृत्व के विचार को रखा है और किसी एक नाम पर सब की सहमति की कोशिश चल रही है.
हालांकि प्रदेश अध्यक्ष को लेकर संगठन की तैयारी पूरी है, क्योंकि हाल ही में 14 और नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ अब उत्तर प्रदेश में 80 में से 70 जिला अध्यक्ष बीजेपी ने तय कर लिए हैं और यह नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए काफी है.
कौन किसकी पसंद?
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंद ओबीसी चेहरों में स्वतंत्र देव सिंह है और ब्राह्मण चेहरे में दिनेश शर्मा हैं, जबकि भाजपा संगठन और पार्टी की पसंद अलग है. वैसे तो नाम कई चल रहे हैं, लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अगर ओबीसी चेहरों को देखा जाए तो उसमें पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, बाबूराम निषाद जैसे नाम फ्रंटरनर हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की पसंद के तौर पर पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का नाम भी सामने आ रहा है. वह निषाद समाज से आती हैं और भगवाधारी हैं. ऐसे में इन नाम की चर्चा इस समन्वय बैठक में हुई होगी, ऐसा जानकारों का मानना है.
नाम तय, सहमति की कवायद-
बीजेपी को नजदीक से जानने वाले विशेषज्ञ बताते हैं कि तय शीर्ष नेतृत्व ने कर रखा होगा कि किसे प्रदेश अध्यक्ष की कमान देनी है. लेकिन किसी नाम पर सब की सहमति हो जाए, ऐसी कोशिश बीजेपी के भीतर चल रही है. राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की इस लखनऊ यात्रा को इससे जोड़कर देखा जा रहा है.
SIR को लेकर भी चर्चा-
आरएसएस के साथ हुई मीटिंग में माना जा रहा है कि 2027 चुनाव के पहले मुद्दों को लेकर जमीनी फीडबैक संघ से लिया गया है. यही नहीं, SIR को लेकर जनप्रतिनिधियों खासकर विधायकों और सांसदों की बेरुखी की चर्चा भी हुई है. ज्यादातर विधायक और सांसद इस इलेक्शन कमिशन की कार्रवाई मानकर घर बैठे हैं और SIR में लोगों की मदद करते नहीं दिख रहे. इसकी चिंता भी संघ और बीजेपी की समन्वय बैठक में दिखाई दी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्व को धार देने वाली एजेंडे पर भी चर्चा हुई. जिसमें हर जिले में संदिग्ध घुसपैठियों से निपटने के लिए डिटेंशन सेंटर, इसके अलावा राम मंदिर के धर्म ध्वजा समझ में दलित और पिछड़ों को बड़ी संख्या में जोड़ने के बाद राजनीतिक रूप से भी उन तक पहुंचने की कोशिशों पर चर्चा हुई.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात धर्म ध्वजा समारोह के दौरान आरएसएस प्रमुख से अयोध्या में हुई थी, दोनों के बीच करीब आधे घंटे की मुलाकात हुई. लेकिन इन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, यह सामने नहीं आया.
बहरहाल बीएल संतोष आज बीजेपी दफ्तर में पार्टी के दूसरे नेताओं से भी मिलेंगे और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बड़े सांगठनिक बदलाव के साथ-साथ नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान भी अगले कुछ दिनों में हो जाएगा.
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