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UP Politics: मुलाकातों और अलग-अलग मुलाकात की तस्वीरों का क्या है सियासी संदेश? जानिए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. सीएम योगी की तीनों नेताओं से करीब 3 घंटे मुलाकात हुई. इस दौरान प्रदेश के तमाम मुद्दों पर बात हुई. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष के चयन से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार तक को लेकर चर्चा हुई.

PM Modi during a meeting with UP CM Yogi Adityanath PM Modi during a meeting with UP CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश बीजेपी की नई सियासी प्रयोगशाला बनती जा रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव में घटी सीटों ने बीजेपी के लिए 2027 की चिंता बढ़ा दी है, जिसे लेकर लखनऊ से दिल्ली तक राजनीतिक एक्सरसाइज शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार और संगठन में फेरबदल की संभावनाओं के बीच रविवार को दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की है.

सीएम योगी की एक के बाद एक मुलाकात-
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बैक टू बैक मुलाकात की. योगी की ये तीनों मुलाकातें करीब तीन घंटे की रहीं, जिसके सियासी मायने और राजनीतिक मकसद भी है.

सूत्रों की मानें तो सीएम योगी ने बीजेपी हाईकमान के सामने अपनी बात को मजबूती से रखा है. खासकर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर, उन्होंने पार्टी के टॉप थ्री लीडरशिप को बता दिया है कि यूपी में प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी किसे सौंपी जानी चाहिए. सीएम योगी ने अपनी पसंद ही नहीं बताया, बल्कि ये भी बताया कि यूपी के सियासी समीकरण के लिहाज से पार्टी के लिए कौन बेहतर रहेगा.

भूपेंद्र चौधरी का विकल्प कौन? 
दरअसल, यूपी में बीजेपी भूपेंद्र चौधरी की जगह नए अध्यक्ष की तलाश में है, जिसे लेकर सियासी माथापच्ची काफी दिनों से चल रही है. लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है कि किसे प्रदेश संगठन की बागडोर सौंपी जाए. इसकी वजह यह भी है कि पार्टी जिसे बागडोर सौंपेगी, उसके अगुवाई में ही 2027 का विधानसभा चुनाव होना है. यही वजह है कि बीजेपी काफी सोच समझकर प्रदेश अध्यक्ष का फैसला करना चाह रही है और ऐसे में सीएम का पसंद का भी ख्याल रखना है, ताकि सरकार और संगठन का बेहतर तालमेल हो सके.

बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से सीएम योगी से मुलाकात के दौरान यूपी नेताओं की नाराजगी और शिकायतों को लेकर बात हुई. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी की टॉप लीडरशिप ने योगी के सामने बीजेपी और सहयोगी दलों की उन तमाम शिकायतों को रखा, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उन सभी नेताओं के पूरे चिट्ठे खोलकर रख दिए. नाराजगी जाहिर करने वाले नेताओं के कामकाज को लेकर सारी बात उनके सामने रखी. इसके अलावा नौकरशाही के नेताओं के न सुनने वाले मुद्दे पर भी बात हुई है.

मंत्रिमंडल में जल्द होगा फेरबदल-
यूपी बीजेपी अध्यक्ष के चयन में देरी हो रही है. माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद यूपी प्रदेश अध्यक्ष का फैसला होगा. इस तरह से प्रदेश अध्यक्ष का निर्णय से पहले यूपी में कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है. सूत्रों की माने तो इसे लेकर भी सीएम योगी की पीएम मोदी से लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा से बात हुई है. योगी कैबिनेट से कुछ नेताओं की जल्द छुट्टी हो सकती है तो कुछ नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है. सीएम योगी ने बीजेपी हाईकमान से अपनी कैबिनेट से किसे हटाने और किन चेहरों को शामिल करने है, उसे लेकर भी अपनी राय दी. 

शीर्ष नेतृत्व ने गंभीरता से योगी की बात सुनी-
बीजेपी सूत्रों ने बताया है कि सीएम योगी ने मोदी, अमित शाह और नड्डा के सामने जो भी बात रखी है, उसे बीजेपी के तीनों ही लीडरों ने गंभीरता से सुनी है. इसके अलावा अपनी भी बातें रखी हैं. सूत्रों ने ये भी बताया है कि सीएम योगी को बीजेपी नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों के साथ भी सियासी बैलेंस बनाकर चलने का संदेश दिया गया है. इसके अलावा यूपी में सियासी बैलेंस बनाकर चलने के साथ-साथ सरकार और संगठन में भी बेहतर तालमेल बनाकर चलने की बात कही गई है. इसके बाद ही दोनों डिप्टी सीएम और सीएम योगी एक साथ पश्चिम यूपी में नजर आए हैं.

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