scorecardresearch

UP: गौपालकों के लिए खुशखबरी! यूपी में 25 गायों से खोलिए डेयरी, मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान, जानें क्या है योगी सरकार का प्लान 

Uttar Pradesh दुग्ध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है जबकि यहां प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता कम है. इसकी मुख्य वजह प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त दुधारू पशुओं की कमी है. नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना से गौपालकों को लाभ मिलेगा.

योगी सरकार डेयरी की स्थापना पर देगी अनुदान योगी सरकार डेयरी की स्थापना पर देगी अनुदान
हाइलाइट्स
  • नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना का शासनादेश जारी 

  • पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में होगी वृद्धि 

उत्तर प्रदेश के गौपालकों के लिए खुशखबरी है. जी हां, योगी सरकार ने प्रदेश में गौवंशीय पशुओं की नस्ल सुधार व दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए नन्द बाबा मिशन के तहत नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना का शासनादेश जारी कर दिया है. इससे जहां प्रदेश में उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता के गौवंश में सुधार होगा, वहीं दूसरी ओर पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी. इस योजना के तहत योगी सरकार 50 प्रतिशत तक अनुदान देगी.

पहले चरण में इन जगहों पर संचालित की जाएगी योजना
योजना के पहले चरण में योगी सरकार लाभार्थी को 25 दुधारू गायों की 35 इकाइयां स्थापित करने के लिए गायों की खरीद से लेकर उनके संरक्षण एवं भरण-पोषण जैसे मदों में सब्सिडी देगी. यह सब्सिडी तीन चरणों में दी जाएगी. शुरुआती चरण में यह योजना प्रदेश के 10 मंडल मुख्यालयों के शहरों क्रमश: अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, झांसी, मेरठ, आगरा और बरेली में संचालित की जाएगी.

तीन चरणों में दिया जाएगा योजना का लाभ
दुग्ध आयुक्त और मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है जबकि प्रदेश में प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता कम है. इसकी मुख्य वजह प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त दुधारू पशुओं की कमी होना है. इसी कमी को पूरा करने एवं उन्नत नस्ल के अधिक से अधिक दुधारू गौवंश की इकाइयों की स्थापना के लिए नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना का शुभारंभ किया गया है. 

इन गायों को किया गया है शामिल
योजना के तहत दुधारू गायों में साहीवाल, गिर, थारपारकर एवं गंगातीरी प्रजाति की गायों को ही शामिल किया गया है. योगी सरकार ने योजना के तहत 25 दुधारू गायों की एक इकाई स्थापित करने में 62, 50,000 रुपए के खर्च का आंकलन किया है. ऐसे में, योगी सरकार लाभार्थी को कुल व्यय पर 50 प्रतिशत अनुदान यानी अधिकतम 31,25,000 रुपए देगी. योगी सरकार इस योजना का लाभ तीन चरणों में देगी. 

पहले चरण में इकाई के निर्माण पर परियोजना लागत का 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा. वहीं दूसरे चरण में 25 दुधारू गायों की खरीद, उनके 3 वर्ष के बीमा और यातायात पर परियोजना लागत का 12.5 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. जबकि तीसरे चरण में परियोजना लागत की शेष 12.5 प्रतिशत राशि का अनुदान दिया जाएगा.

गौपालन का तीन वर्षों का होना चाहिए अनुभव 
योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास कम से कम 3 वर्षों का गौपालन का अनुभव होना चाहिए. वहीं, गौवंशों की ईयर टैंगिंग होना अनिवार्य है. इसके साथ ही इकाई की स्थापना के लिए 0.5 एकड़ भूमि होना आवश्यक है. लाभार्थी के पास लगभग 1.5 एकड़ भूमि हरित चारा के लिए होनी चाहिए. यह जमीन उसकी खुद की (पैतृक) हो सकती है या फिर उसने उसे 7 वर्षों के लिए लीज पर लिया हो. 

अधिक आवेदन आने पर ई-लॉटरी से लाभार्थी का चयन
इस योजना का लाभ पूर्व में संचालित कामधेनु, मिनी कामधेनु एवं माइक्रो कामधेनु योजना के लाभार्थी नहीं उठा सकेंगे. लाभार्थी का चयन ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन के माध्यम से किया जाएगा. वहीं, आवेदन की संख्या अधिक होने पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लॉटरी के जरिए चयन किया जाएगा.