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झारखंड के इस गांव में हर घर करता है फूलों की खेती, देशभर में मशहूर है 'फूलों का गांव'

झारखंड में देवघर को बाबा बैद्यनाथ की नगरी कहा जाता है. इस नगरी में एक ऐसा गांव है जो फूलों के गांव के नाम से मशहूर है. 3000 की आबादी वाले इस गांव के किसान मुख्य खेती फूलों की करते हैं. जिन्हें बाद में बाबा मंदिर में पूजा के लिए बेचा जाता है. 

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हाइलाइट्स
  • हर घर करता है फूलों की खेती

  • महामारी ने बदले हालात

झारखंड में देवघर को बाबा बैद्यनाथ की नगरी कहा जाता है. इस नगरी में एक ऐसा गांव है जो फूलों के गांव के नाम से मशहूर है. 3000 की आबादी वाले इस गांव के किसान मुख्य खेती फूलों की करते हैं. जिन्हें बाद में बाबा मंदिर में पूजा के लिए बेचा जाता है. 

हर घर करता है फूलों की खेती: 

देवघर जिला मुख्याल से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मलहरा गांव में फूलों की खेती की जाती है. गांव में लगभग 500 घर हैं और लगभग 3000 की आबादी है. इस गांव के लोगो का जीवन यापन करने और रोजगार का जरिया फूलों की खेती से है. 

गाँव के किसानों का कहना है कि उनका मुख्य पेशा फूल की खेती है और यह आज से नही बल्कि सदियों से हैं. गाँव मे फूलों की खेती का मुख्य कारण बाबा बैद्यनाथ मंदिर हैं. क्योंकि यहां किसानों को फूल बेचने में कोई परेशानी नहीं होती है. 

किसान अपने फूलों की माला बनाकर मंदिर में ले जा कर बेचते हैं. एक किसान एक दिन में 300 से 500 के बीच का मुनाफा कमा लेता है. 

महामारी ने बदले हालात: 

वैश्विक महामारी कोरोन के कारण स्थिति बदल गई है. किसानों का कहना है कि लॉकडाउन में मंदिर बंद था. लेकिन अब मंदिर खुल गया पर अब उनके पास फूल बहुत कम है. क्योंकि लॉक डाउन के कारण बाहर से बीज नहीं मंगा पाए. 

बरसात के कारण खुद के तैयार किए बीजों से भी खेती न कर सके. अब यहां के किसान  सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि सरकार उन्हें फूलों के बीज उपलब्ध करा दे ताकि एक बार फिर यह गांव महक उठे.

(शैलेन्द्र मिश्रा की रिपोर्ट)