
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली समरीन की शादी सात साल पहले पाकिस्तान में रहने वाले सद्दाम से हुई थी. समरीन की मां के कई रिश्तेदार पाकिस्तान के कराची और अन्य जगहों पर रहते हैं इसलिए उनका रिश्ता पाकिस्तान में हुआ. समरीन के दो बच्चे हैं, एक साल की बेटी जुनेरा और छह साल के शाजिल.इन दोनों ही बच्चों के पास पाकिस्तान की नागरिकता है लेकिन समरीन वहां विजा एक्सटेंशन पर रह रही थी. अपने दोनों बच्चों को लेकर पहली बार समरीन अपने देश भारत लौटी थी. सोचा था कि अपने बच्चों को उनकी नानी से मिलवाएंगी.
समरीन दो महीने से भारत में है. दिसंबर में उनका पासपोर्ट एक्सपायर हो रहा है, जिसको वह रिन्यू करवाने के लिए आई थी. इसके साथ ही पाकिस्तान की अपने वीजा के एक्सटेंशन का काम भी उन्हें करवाना था, लेकिन इस बीच पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अब समरीन के वापस पाकिस्तान लौटने की रहा मुश्किल सी हो गई है. दूसरी और मोदी सरकार ने यह आदेश दिया है कि जितने भी पाकिस्तानी नागरिकता वाले लोग वीजा पर भारत देश में रह रहे हैं, वे जल्द से जल्द पाकिस्तान वापस लौट जाएं. ऐसे में समरीन के सामने एक असमंजस की स्थिति बन गई है कि वह अपने दोनों छोटे-छोटे बच्चों को अकेले पाकिस्तान वापस कैसे भेजें क्योंकि समरीन का पाकिस्तानी वीजा भी खत्म हो चुका है. साथ ही पाकिस्तान में अभी उनका कोई नहीं है क्योंकि पति भी दुबई में रहते हैं.
छह साल बाद लौटी हैं भारत
समरीन कहती हैं कि मैं करीब छह साल बाद भारत लौटी हूं. अपने बच्चों ज़ुनेरा और शाज़िल को लेकर आई थी ताकि वे अपनी नानी से पहली बार मिल सकें. परिवार में सभी बहुत खुश थे लेकिन हमें क्या पता था कि हालात इतने खराब हो जाएंगे. करीब दो महीने से हम यहां हैं, लेकिन अब कहा जा रहा है कि बच्चों को वापस जाना पड़ेगा. मेरे लिए यह बहुत तकलीफदेह है. मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है और बच्चे भी बीमार हैं. उन्हें अकेले पाकिस्तान भेजना नामुमकिन है. इतने छोटे बच्चे मां से अलग कैसे रहेंगे? मैं खुद अभी पाकिस्तान वापस नहीं जा सकती क्योंकि मुझे नया वीजा लेना पड़ेगा, जो मौजूदा हालात में मिलना बहुत मुश्किल लग रहा है. यदि मुझे वीजा न मिला तो बच्चे कैसे वापस जाएंगे? यही सबसे बड़ी चिंता है,
वीजा एक्सटेंशन के लिए दिया था आवेदन
समरीन कहती हैं कि मैंने बच्चों के वीजा एक्सटेंशन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन लगता है कि वह खारिज हो गया है. इससे बहुत तनाव हो गया है. मेरा खुद का पासपोर्ट भी दिसंबर में खत्म हो रहा है. मैं इसी के लिए भारत आई थी और लखनऊ जाकर प्रक्रिया भी पूरी की है. अब तक पासपोर्ट नहीं आया. पाकिस्तान में हमारे घर में कोई नहीं है. सिर्फ मेरी बीमार और बुजुर्ग सास हैं. मेरे पति दुबई में हैं. बच्चों की देखभाल वहां कौन करेगा? मैं सरकार से अपील करती हूं कि मेरे बच्चों का वीजा मानवीय आधार पर बढ़ा दिया जाए. जब हालात सामान्य हो जाएंगे और मेरा पासपोर्ट रिन्यू हो जाएगा, तब मैं खुद उन्हें वापस लेकर जाऊंगी लेकिन अभी के हालात में यह संभव नहीं है.
नहीं ली है पाकिस्तान की नागरिकता
समरीन कहती हैं कि मैंने पाकिस्तान की नागरिकता नहीं ली क्योंकि उससे भारत लौटना मुश्किल हो जाता. मैं वहां वीजा एक्सटेंशन पर रह रही थी और जब वह 2021 में खत्म हुआ, तब भी एक्सटेंशन लेकर रुकी रही. अब भारत लौटने के लिए एग्ज़िट परमिट और एक्सटेंशन लेकर आई थी. वापस जाने के लिए नया वीज़ा चाहिए जो कि अब मिलना मुश्किल हो गया है. मैंने पुलिस को भी सारी स्थिति बताई है. वे घर भी आए और मैंने थाने जाकर लिखित में भी एप्लिकेशन दी. उन्होंने कहा है कि एक बैठक चल रही है और फैसला जल्द बताया जाएगा.
फिलहाल हमें यहीं रहने को कहा गया है. मैं बस इतना चाहती हूं कि मेरे बच्चों को मुझसे अलग न किया जाए. पहलगाम में जो घटना हुई वो बिल्कुल निंदनीय है, जिन्होंने भी किया उन्हें सख्त सज़ा मिलनी चाहिए लेकिन इसकी सज़ा आम लोगों को क्यों? हम जैसे कई परिवार दशकों से यहां रह रहे हैं और अब उन्हें अचानक देश छोड़ने को कहा जा रहा है. यह सही नहीं है. मैं सरकार से बस इतना अनुरोध करती हूं कि मेरे बच्चों को यहां रुकने की इजाज़त दी जाए. जब सबकुछ सामान्य हो जाएगा तब मैं खुद उन्हें वापस ले जाऊंगी.
अकेले कैसे लौटें पाकिस्तान
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसे तीन लोग हैं, जो पाकिस्तान वीजा के साथ रह रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद ही चिह्नित कर उन्हें नोटिस दे दिए गए थे. इसमें से भारतीय नागरिकता वाली समरीन के दो बच्चे जो पाकिस्तानी नागरिक हैं, इसमें जुनेरा और शाज़िल का नाम है. हालांकि समरीन ने पुलिस को एक एप्लीकेशन दी है, जिसमें उन्होंने अपनी पूरी स्थिति को बयां किया है. पुलिस फिलहाल इस मामले में अधिकारियों से मीटिंग कर कुछ रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है. इसमें ही तीसरा नाम सुनील का है, जो की एक पाकिस्तानी हिंदू परिवार से हैं. उनके पूरे परिवार को लॉन्ग टर्म वीजा मिल गया है लेकिन सुनील विजिटर वीजा पर भोपाल में रह रहे हैं. उनका भी यही सवाल है कि अकेले वह पाकिस्तान कैसे लौटें?
(अमृतांशी जोशी की रिपोर्ट)