
भयंकर गर्मी से तप रहे देश में सबको इस वक्त मानसून का इंतजार है. भारत की सीमा में मानसून की दस्तक यूं तो 13 मई को ही हो चुकी है, लेकिन वह एंट्री अंडमान निकोबार द्वीप समूह में हुई है जो कि बंगाल की खाड़ी का एक हिस्सा है. श्रीलंका और मालदीव्स जैसे देश होते हुए अब मानसून की एंट्री का इंतजार भारत के मेन लैंड पर है. आमतौर पर मई के आखिरी हफ्ते या जून की शुरुआत में यह सिस्टम केरल में एक्टिव होता है. लेकिन इस बार इसी महीने में सिर्फ केरल ही नहीं बल्कि केरल से कहीं दूर उसी समय मानसून दस्तक देने वाला है.
पूर्वोत्तर भारत में भी इसी महीने आएगा मानसून
मौसम विभाग ने गुरुवार को अगले दो हफ़्ते की भविष्यवाणी जारी की है. उसके मुताबिक केरल में मानसून की शुरुआत 22 से लेकर 28 मई के बीच हो सकती है. पूर्वानुमान यही है कि केरल में 25 से लेकर 27 मई के बीच ही अच्छी खासी बारिश की दस्तक होगी. लेकिन खुशखबरी सिर्फ केरल के लिए ही नहीं है बल्कि देश के सुदूर नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के लिए भी है.
मौसम विभाग की भविष्यवाणी को माने तो नॉर्थ ईस्ट के साथ राज्यों में से कुछ में समय से काफी पहले यानी 28 मई से पहले ही मानसून बारिश की शुरुआत कर देगा. आमतौर पर नॉर्थ ईस्ट में मानसून की एंट्री 5 जून तक होती है लेकिन पिछली बार 30 मई को मानसून इस क्षेत्र में आ गया था. इस साल और तेजी से मानसून सक्रिय होने की संभावना है.
मानसून को प्रभावित करने वाले ग्लोबल सिस्टम भी हैं फेवरेबल
इस साल मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है तो उसके लिए लोकल सिस्टम तो जिम्मेदार है ही, लेकिन साथ-साथ ग्लोबल सिस्टम भी अपनी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. पूरे मानसून महीने में एल नीनो सिस्टम (जिसको ENSO कहा जाता है) के साथ-साथ Indian Ocean Dipole (IOD) के भी न्यूट्रल रहने की भविष्यवाणी की गई है. यह दोनों सिस्टम समुद्र के तापमान पर निर्भर करते हैं. इनके फेवरेबल रहने की वजह से सिर्फ साउथ और नॉर्थ ईस्ट में नहीं बल्कि देश के बाकी हिस्सों में भी मानसून न सिर्फ बेहतर रहेगा बल्कि जल्दी सक्रिय भी होने की उम्मीद लगाई जा रही है.