
क्या आपने किसी Trump Hotel Rental के बारे में सुना है या कोई एडवरटाइजमेंट देखी हो जिसमें डोनाल्ड ट्रंप अपने होटलों में निवेश करने और ज्यादा रिटर्न्स पाने की बात कह रहे हों? अगर हां, तो सावधान हो जाइए. क्योंकि यह कोई मौका नहीं बल्कि एक साइबर ठगी है, जो AI से बने वीडियो के जरिए की जा रही है.
क्या है पूरा मामला
‘Trump Hotel Rental’ नामक एक मोबाइल ऐप के ज़रिए इस घोटाले को अंजाम दिया गया. हालांकि, अब इस ऐप को हटा दिया गया है. इस ऐप के ज़रिए लोगों को रोज़ 3% रिटर्न और कुछ ही दिनों में पैसे दोगुने करने का वादा किया गया. इस स्कैम में अब तक कर्नाटक राज्य के 800 से ज्यादा लोग फंस चुके हैं, और वे करोड़ों रुपये गंवा चुके हैं.
कैसे काम करता था यह स्कैम
एक 38 वर्षीय वकील ने फर्स्टपोस्ट को बताया कि उन्होंने जनवरी 2024 में YouTube पर एक वीडियो देखा, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप जैसे दिखने वाले व्यक्ति ने 'Donald Trump Hotel Rentals' में निवेश करने का सुझाव दिया था. वह वीडियो एक लिंक के साथ था, जो ‘Trump Hotel Rental’ नाम के ऐप पर ले जाता था. ऐप डाउनलोड करने के बाद, उन्हें एक फॉर्म भरने को कहा गया, जिसमें बैंक खाता नंबर और IFSC कोड जैसी संवेदनशील जानकारी मांगी गई.
शुरुआती निवेश मात्र 1,500 रुपये का था, और उन्हें वादा किया गया कि रोज़ाना 3% रिटर्न मिलेगा. उन्हें हर दिन 30 रुपये मिल रहे थे, और जब कुल कमाई 300 रुपये से ऊपर हुई तो उन्होंने पैसे निकाले भी. इससे उन्हें स्कीम पर भरोसा हो गया और उन्होंने ज्यादा निवेश करना शुरू कर दिया. पहले 5,000 रुपये और फिर धीरे-धीर निवेश 1 लाख रुपये तक पहुंच गया. लेकिन आखिर में उन्हें पैसे निकालने के लिए "टैक्स" देने को कहा गया और उन्होंने टैक्स दे दिया, लेकिन पैसा वापस नहीं मिला.
800 लोग बने ठगी का शिकार
ऐप में एक डैशबोर्ड दिखाया जाता था, जिसमें "कमाई" बढ़ती नजर आती थी. छोटे-छोटे काम, जैसे कंपनी प्रोफाइल लिखना आदि के बदले भी पैसे दिए जाते थे. इससे लोगों को लगता था कि वे असली काम कर रहे हैं और पैसे कमा रहे हैं. ये स्कैम सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं रहा. पुलिस के मुताबिक, बेंगलुरु, तुमकुरु, मंगलुरु, हावेरी और अन्य हिस्सों के लोग भी इसमें फंसे हैं.
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, 5-6 महीनों में ही 800 से ज्यादा लोग ठगी के शिकार बन चुके हैं. अब तक 200 से ज्यादा लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. कुल मिलाकर लगभग दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस स्कैम में सरकारी कर्मचारी, कानून व्यवस्था से जुड़े लोग, और व्यापारी भी फंसे हैं.
हाई-टेक था स्कैम
पुलिस ने IT Act और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज किया है. एक वरिष्ठ साइबर अधिकारी का कहना है कि यह स्कैम काफी हाई-टेक था. इसमें AI, सोशल इंजीनियरिंग और ऐप रीडायरेक्शन जैसी तकनीकें इस्तेमाल की गईं. ऐप के पीछे के नेटवर्क को ट्रेस करना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि यह विदेशी सर्वरों पर होस्ट किया गया था.
फिलहाल, 1.5 लाख रुपये एक बैंक खाते से फ्रीज़ किए गए हैं, जहां ठगी का पैसा भेजा जा रहा था. पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि ट्रंप होटल जैसी फर्जी स्कीम के झांसे में ना आएं, जो पैसे दोगुना करने का झूठा वादा करती हैं. किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें और ऑनलाइन निवेश करने से पहले पूरी जांच करें. जनता से अपील है कि अनजान लिंक को तुरंत नकारें और सतर्क रहें.