
भारत की नागरिकता छोड़ने का चलन बढ़ता जा रहा है. नए आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में एक लाख 63 हजार 370 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है. जबकि साल 2020 में ये आंकड़ा 85 हजार 256 था. भारतीय नागरिकता की पहली पसंद अमेरिका है. साल 2021 में 71 हजार 284 लोग अमेरिका चले गए. इसके अलावा दूसरे नंबर पर भारतीयों ने ऑस्ट्रेलिया जाना पसंद किया. जबकि भारतीयों की तीसरी पसंद कनाडा है. भारत के नागरिक दूसरे देशों में जाकर बस रहे हैं. ऐसे में उनको एक प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है. वो प्रक्रिया क्या है. चलिए आपको बताते हैं.
नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया-
भारत की नागरिकता छोड़ने वालों के लिए गृह मंत्रालय ने प्रक्रिया को काफी आसान बनाया है. इसके लिए सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल एक्टिव किया है. सिटीजनशिप एक्ट 1955 के सेक्शन 8 के तहत भारत की नागरिकता छोड़ी जा सकती है. नागरिकता छोड़ने के लिए जरूरी प्रक्रिया ये है.
नागरिकता छोड़ना चाहते हैं तो क्या होगा स्टेटस-
भारत की नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 60 दिन का वक्त लगता है. एक बार जब आप दूसरे देश का नागरिकता प्राप्त कर लेते हैं तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट रद्द करने के लिए वाणिज्य दूतावास को सौंपना होता है. वाणिज्य दूतावास इसे रद्द कर देगा और आपको प्रमाण पत्र देगा. जब आप नागरिकता छोड़ने के लिए अप्लाई करते हैं तो उसके बाद भी आप भारतीय नागरिक रहते हैं. लेकिन प्रोसेस पूरा होने के बाद आप नागरिक नहीं रह पाते हैं.
नागरिकता त्यागने का तरीका-
भारत का सिटीजनशिप एक्ट 1955 के मुताबिक तीन तरीके से भारत की नागरिकता ली जा सकती है. इन तीन परिस्थितियों में संवैधानिक प्रावधान के तहत भारत की नागरिकता से वंचित किया जा सकता है.
कौन छोड़ सकता है नागरिकता-
लगातार लोग भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशों में बस रहे हैं. लेकिन इसके लिए भी नियम है. हर कोई भारत की नागरिकता नहीं छोड़ सकता है. चलिए बताते हैं कि कौन भारत की नागरिकता छोड़ सकता है.
कितना लगता है शुल्क-
सिटीजनशिप रूल्स 2009 के मुताबिक भारत में आवेदक के लिए नागरिकता छोड़ने का शुल्क 5 हजार रुपए लगता है और विदेश में भारतीय मिशन के जरिए अप्लाई करने पर 7 हजार शुल्क लगता है.
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