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BJP Top Body: भाजपा में संसदीय बोर्ड और चुनाव सम‍िति की क्या भूमिका होती है?

भाजपा के संसदीय बोर्ड से नितिन गडकरी और शि‍वराज सिंह चौहान हटा दिए गए हैं. इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सर्वानंद सोनोवाल और बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी ने बोर्ड में शामिल किया है.

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हाइलाइट्स
  • संसदीय बोर्ड बीजेपी की सबसे ताकतवर संस्था है.

  • चुनाव समिति बीजेपी में दूसरी सबसे ताकतवर संस्था के तौर पर जानी जाती है.

भाजपा के नए संसदीय बोर्ड में वरिष्ठ नेता व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जगह नहीं मिली है. इन्हें बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति से भी बाहर कर दिया गया है. शिवराज सिंह के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है क्योंकि वह पिछले 20 सालों से एमपी के मुख्यमंत्री रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम भी इस लिस्ट से गायब है. सर्वानंद सोनोवाल और बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी ने बोर्ड में शामिल किया है. इसके अलावा केंद्रीय चुनाव समिति का भी गठन किया गया है. केंद्रीय संसदीय समिति की तरह चुनाव समिति का अध्यक्ष भी जेपी नड्डा को बनाया गया है. इसमें 15 सदस्यों को शमिल किया गया है.

बीजेपी में संसदीय बोर्ड और चुनाव सम‍िति की क्या भूमिका होती है, चलिए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं.

कितना ताकतवर है भाजपा का संसदीय बोर्ड

2014 में राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद अमित शाह ने संसदीय बोर्ड का गठन किया था. संसदीय बोर्ड बीजेपी की सबसे ताकतवर संस्था मानी जाती है. पार्टी अध्यक्ष के अतिरिक्त इसमें दस सदस्य हैं. पार्टी के तमाम बड़े फैसले इसी बोर्ड के द्वारा लिए जाते हैं. राज्यों में विधान परिषद या विधानसभा में लीडर चुनने का काम भी संसदीय बोर्ड ही करता है. राष्ट्रीय स्तर या फिर किसी भी राज्य में अगर गठबंधन की बात होती है तो उसमें संसदीय बोर्ड का ही फैसला अंतिम माना जाता है. यह बोर्ड पार्टी के संसदीय और विधायी समूहों की गतिविधियों की निगरानी करता है. बोर्ड राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नीचे की सभी संगठनात्मक इकाइयों का मार्गदर्शन भी करता है.

भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य

  • जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)

  • नरेंद्र मोदी

  • राजनाथ सिंह

  • अमित शाह

  • बी. एस. येदयुरप्पा

  • सर्बानंद सोनोवाल

  • के. लक्ष्मण

  • इकबाल सिंह लालपुरा

  • सुधा यादव

  • सत्यनारायण जटिया

  • बी एल संतोष (सचिव)

चुनाव समिति की ताकत के बारे में जानिए?

चुनाव समिति बीजेपी में दूसरी सबसे ताकतवर संस्था के तौर पर जानी जाती है. केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी), का गठन भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा होता है. इसमें संसदीय बोर्ड के 11 सदस्य और राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा चुने गए 8 अन्य सदस्य शामिल होते हैं. चुनाव समिति के सदस्य लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव के टिकटों पर फैसला लेते हैं. इसके अलावा ये भी तय करती है कि कौन सीधे चुनावी राजनीति में आएगा और कौन इस राजनीति से बाहर रखा जाएगा. चुनावी मामलों की सभी शक्तियां पार्टी की चुनाव समिति के पास हैं. 

भाजपा चुनाव समिति के सदस्य

  • जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)

  • नरेंद्र मोदी

  • राजनाथ सिंह

  • अमित शाह

  • बी. एस. येदयुरप्पा

  • सर्बानंद सोनोवाल

  • के. लक्ष्मण

  • इकबाल सिंह लालपुरा

  • सुधा यादव

  • सत्यनारायण जटिया

  • भूपेन्द्र यादव

  • देवेन्द्र फडणवीस

  • ओम माथुर

  • बीएल संतोष (सचिव)

  • वनथी श्रीनिवास

9 राज्यों में होने वाले हैं चुनाव

2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम शामिल है. मध्यप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के चुनाव इसमें काफी अहम हैं. मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. राजस्थान में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है. कर्नाटक में भी बीजेपी की सरकार है. ऐसे में कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनाना भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. येदियुरप्पा का कर्नाटक में बड़ा आधार है और पार्टी उनके जरिए 2023 में फिर से सत्ता में आने की कोशिश करेगी. तेलंगाना में अभी टीआरएस (TRS) की सरकार है.