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Israel Iran War: ईरान इजरायल जंग का भारत में किन चीजों पर असर पड़ेगा?

इजरायल और ईरान की जंग बढ़ती है तो भारत पर इसका बुरा असर पड़ेगा. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आएगा. भारत अपनी जरूरतों का 88 फीसदी कच्चा तेल इंपोर्ट करता है. अगर जंग चलती रही तो कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेंगी. इसके अलावा युद्ध की वजह से ट्रेड रूट में बदलाव करना होगा. जिससे समय और लागत बढ़ेगी.

Israel-Iran Conflict Impact On India (Photo/Meta AI) Israel-Iran Conflict Impact On India (Photo/Meta AI)

इजरायल और ईरान की जंग ने दुनियाभर के देशों के टेंशन बढ़ा दी है. इस जंग से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने लगी हैं. दोनों देशों के बीच तनाव जितना लंबा खिंचेगा, उतनी ही कीमतों में बढ़ोतरी होगी. इससे ग्लोबल लेवल पर महंगाई बढ़ेगी. जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. भारत पर भी इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई का असर पड़ेगा. चलिए आपको बताते हैं कि भारत में इसका क्या असर होगा.

कच्चे तेल की कीमतों में उछाल-
ईरान दुनिया में कच्चे तेल का 3 फीसदी उत्पादन करता है. भारत अपनी जरूरतों का 88 फीसदी कच्चा तेल इंपोर्ट करता है. अगर कच्चे तेल के एक बैरल की कीमत में 10 डॉलर का इजाफा होता है तो भारतीयों को इसके लिए 0.5 फीसदी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे. भारत या इंपोर्ट बिल बढ़ेगा तो व्यापार घाटा बढ़ेगा. इससे डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर भी होगा. द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच टेंशन से भारत के निर्यात में 40 से 50 फीसदी महंगा हो सकता है.

ट्रेड रूट बदलने से बढ़ेगी लागत-
इजरायल और ईरान की जंग से ओमान की खाड़ी, फारस की खाड़ी, होर्मुज स्ट्रेट, स्वेज कैनाल और रेड सी से गुजरने वाले ट्रेड रूट प्रभावित होंगे. इससे भारत का ट्रेड रूट भी प्रभावित होगा, क्योंकि भारत इन रूटों से ही यूरोप, नॉर्थ अफ्रीका और नॉर्थ अमेरिका में माल भेजता है. अगर ये रूट प्रभावित होंगे और भारत को रूट बदलना पड़ेगा, जिससे समय के साथ लागत भी बढ़ेगी.

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चावल और डायमंड का कारोबार प्रभावित-
भारत ईरान को कई चीजें सप्लाई करता है. अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो ये कारोबार प्रभावित होंगे. भारत ईरान को बासमती चावल, चाय और फार्मा प्रोडक्ट्स निर्यात करता है. भारत कच्चे तेल के अलावा सूखे मेवे, केमिकल और कांच के बर्तन ईरान से आयात करता है.

इसके अलावा भारत ईरान से यूरिया भी आयात करता है. अगर जंग चलती रही तो इसकी सप्लाई रुकेगी और यूरिया की कमी से कृषि लागत बढ़ेगी. भारत इजरायल से तराशे हीरे, ज्वेलरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान सप्लाई करता है.

हथियारों की सप्लाई पर असर-
भारत इजरायल से हथियार खरीदता है. इसमें ड्रोन, मिसाइल, रडार, हीरे और इंडस्ट्रियल इक्विपमेंट्स इम्पोर्ट करता है. दोनों देशों के बीच साल 2023 में 85.6 हजार करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था. अगर जंग चलती रहती है तो इसकी सप्लाई रुकेगी. जिसका असर भारत की रक्षा तैयारियों पर पड़ेगा.

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