
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की यूके यात्रा के दौरान एक फोटो खूब वायरल हुई. लेकिन यह फोटो खुद पीएम मोदी की नहीं, बल्कि उनके पीछे खड़ी एक महिला सुरक्षा अधिकारी की थी. यह महिला थीं अदासो कपेसा, जो SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की पहली महिला अधिकारी बनी हैं.
देश की सुरक्षा में सबसे आगे मणिपुर की बेटी
अदासो कपेसा मणिपुर के सेनापति जिले के कैबी गांव से आती हैं. उनका सफर प्रेरणादायक है. फिलहाल वे SPG में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं. इससे पहले वे सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 55वीं बटालियन में तैनात थीं, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित है.
SPG में महिलाओं की नई शुरुआत
SPG एक अत्यंत गोपनीय और खतरनाक जिम्मेदारियों वाली सुरक्षा एजेंसी है, जो आमतौर पर अपने कर्मचारियों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करती. कपेसा की SPG में नियुक्ति ने यह दिखाया है कि अब महिलाएं भी देश की सबसे बड़ी सुरक्षा जिम्मेदारियां निभा सकती हैं. पूर्व SPG अधिकारी सुदीप लखटकिया ने कहा, “महिलाएं सिर्फ सुरक्षा को समावेशी नहीं बना रहीं, बल्कि और भी स्मार्ट बना रही हैं.”
दुनिया में भी महिलाएं बना रही हैं मिसाल
कपेसा अब उन महिलाओं की कतार में हैं जिन्होंने दुनिया में सुरक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है. किम्बर्ली चीटल, अमेरिका की पूर्व सीक्रेट सर्विस डायरेक्टर, ट्रेनी से डायरेक्टर बनीं. हालांकि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हमले के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया, लेकिन उन्होंने महिला लीडरशिप की एक मजबूत छवि पीछे छोड़ी है.
तमिलनाडु में भी महिला सुरक्षा का नया मॉडल
भारत में और भी जगह बदलाव दिख रहा है. मार्च 2022 से तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सुरक्षा में महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं. ये महिलाएं निहत्थे मुकाबले, हथियारों के प्रयोग और बम पहचान जैसे कठिन प्रशिक्षण से लैस हैं. अन्य राज्य भी अब इस मॉडल को अपनाने लगे हैं.
भारत की पहली महिला बॉडीगार्ड: वीना गुप्ता
वीना गुप्ता भारत की पहली महिला बॉडीगार्ड हैं. उन्होंने सीम ग्रुप सर्विसेज नाम की कंपनी बनाई जो Adobe, Barclays और Bell Helicopter जैसी बड़ी कंपनियों को सुरक्षा सेवाएं देती है. वह भारी शरीर वाली नहीं हैं, न ही डरावनी दिखती हैं और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने लिज़ हर्ली की शादी में हंगरी के राजकुमार की सुरक्षा भी की थी.
बदलाव की अगुआ हैं अदासो कापेसा
आज अदासो कापेसा दिखा रही हैं कि अब सुरक्षा सेवाएं सिर्फ पुरुषों के लिए नहीं हैं. अब स्किल्स, साहस और जूनून अब असली पहचान हैं. वह सिर्फ प्रधानमंत्री के पीछे खड़ी नहीं हैं, बल्कि एक नए युग की अगुवाई कर रही हैं.
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