
पंजाब के चग्गावां गांव की सरपंच नरिंदर कौर को दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. यह सम्मान उन्हें उनके बेहतरीन काम के लिया दिया जा रहा है.
नरिंदर कौर की दूरदर्शिता और समर्पण ने चग्गावां गांव में पानी की समस्या को कई हद तक सुलझाया है. उनके मार्गदर्शन में जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के सहयोग से गांव की जल आपूर्ति योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया गया. इस योजना ने लगभग 497 घरों, तीन आंगनवाड़ी केंद्रों और दो सरकारी स्कूलों को साफ़ पानी उपलब्ध कराया है. इस पहल से करीब 2,700 ग्रामीणों को फायदा पहुंच रहा है.
केवल जल आपूर्ति तक सीमित नहीं है मिशन
नरिंदर कौर केवल जल आपूर्ति तक सीमित नहीं रहीं. उन्होंने गांव में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कई अनोखी पहल कीं. उन्होंने जल आपूर्ति केंद्र के क्षेत्र में एक पार्क बनवाया, जो अब ग्रामीणों के लिए एक मनोरंजन की जगह बन चुका है. इसके अलावा, उन्होंने हर घर पर घर के मुखिया का नाम और जल कनेक्शन नंबर दिखाने वाले नेमप्लेट लगवाए. इसके पीछे के मकसद पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है.
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नरिंदर कौर की एक और बड़ी पहल गांव में हर महीने नियमित बैठकें आयोजित करना है, जिसमें जल आपूर्ति योजना की सुचारू कार्यप्रणाली सुनिश्चित की जाती है. इन बैठकों में ग्रामीण अपनी समस्याएं और सुझाव साझा करते हैं, और इस सामुदायिक भागीदारी से योजनाओं का बेहतर ढंग से लागू किया जाता है.
प्रशासन की सराहना
मोगा के डिप्टी कमिशनर विशेष सारंगल ने नरिंदर कौर की सराहना करते हुए कहा, “उनके नेतृत्व ने चग्गावां के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने मूलभूत सेवाओं और सामुदायिक कल्याण को प्राथमिकता देकर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है. जिला प्रशासन ऐसे व्यक्तियों और संगठनों को पहचानने और सम्मानित करने का कार्य जारी रखेगा, जो समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं.”
गणतंत्र दिवस का आमंत्रण
गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किए जाने पर नरिंदर कौर ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “चग्गावां और मोगा का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है. यह सम्मान मुझे अपने गांव के लिए और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा देता है.”
नरिंदर कौर का गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष आमंत्रण न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का सम्मान है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि जमीनी स्तर के प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं.