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Manoj Mishra: जानिए कौन थे मनोज मिश्रा... पर्यावरण के लिए समर्पित की जिंदगी, लोग कहते थे यमुना मैन

यमुना के घाटों से लकर अदालतों तक के चक्कर लगाने वाले यमुना जिए अभियान के संरक्षक मनोज मिश्रा ने दोपहर 12.30 बजे भोपाल में निधन हो गया. वो 70 वर्ष के थे और कोरोना संक्रमण के चलते वह लंबे समय से बीमार थे.

Manoj Mishra Manoj Mishra

भारतीय वन सेवा (IFS) के पूर्व अधिकारी और यमुना में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले योद्धा मनोज मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.  सेवनिवृत्त होने के बाद से ही मनोज यमुना जिए अभियान चलाने सहित देश भर की नदियों के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे थे. मनोज मिश्रा के परिवार में उनकी मां, पत्नी एवं बेटी हैं. मनोज करीब दो महीने पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जिसकी वजह से उनके फेफड़े 80 प्रतिशत खराब हो चुके थे. उन्होंने भोपाल के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली.

कौन थे मनोज मिश्रा?
भारतीय वन सेवा के अधिकारी मनोज मिश्रा अविभाजित मध्यप्रदेश में कई जिलों में पदस्थ रहे एवं वन विहार भोपाल सहित कई राष्ट्रीय अध्यारण्यों में निदेशक रहे. सीसीएफ पद से सेवानिवृत्त के बाद उन्होंने यमुना विशेष तौर पर दिल्ली में इसकी अप स्ट्रीम एवं डाउन स्ट्रीम में प्रदूषण को लेकर सत्याग्रह किया एवं न्यायालयों में कई याचिकाएं दर्ज की, जिसके बाद नदियों के संरक्षण के लिए कई आदेश पारित किए. इसके बाद प्रति वर्ष नदी सप्ताह का आयोजन प्रारंभ किया.

भारतीय वन सेवा में अधिकारी रहे मनोज मिश्रा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लगभग 22 वर्षों तक काम किया. प्रमुख वन संरक्षण के पद पर पहुंचने के बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. मनोज ने 11 नवंबर, 2011 को दिल्ली की यमुना के डूब क्षेत्र और उनसे जुड़े जलाशयों का दौरा किया. वह हैरान थे कि डाउनस्ट्रीम यमुना पूरी तरह कूड़े-कचरे और निर्माण मलबों से पटी पड़ी है. इसके बाद यमुना के संरक्षण के लिए यमुना जिए अभियान की शुरुआत की. इस अभियान के जरिए यमुना को प्रदूषित करने वाले तमाम कारकों के खिलाफ उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी. यमुना को पुनर्जीवित कर देने कि चिंता उनके भीतर रच-बस गई थी. कई आदलती लड़ाइयों के बाद यमुना की सफाई को लेकर कई निर्देश जारी किए गए. लेकिन इसे लागू करने के लिए  भी उन्हें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी.

आर्ट ऑफ लिविंग वालों को देनी पड़ी क्षतिपूर्ति राशि
मनोज मिश्रा ने 2016 में वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल के लिए आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा बाढ़ के मैदानों को हुए नुकसान पर एनजीटी के समक्ष एक याचिका भी दायर की थी. ट्रिब्यूनल ने तब फाउंडेशन पर 5 करोड़ रुपये की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि लगाई थी. इन पैसों का इस्तेमाल डूब क्षेत्र को बेहतर करने के लिए किया जाना था. मनोज के निधन पर सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर जल मंत्री सौरभ भरद्वाज और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार ने भी शोक जताया.
 

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