

दिल्ली-NCR में लोग बारिश आने से खुश हैं. हालांकि, 10 जुलाई यानी आज की सुबह बारिश के साथ-साथ अचानक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इस भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर रहा और रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 4.4 थी. भूकंप इतना तेज था कि लोगों ने करीब 10 सेकंड्स तक झटके महूस किए. इससे लोग घबरा गए. खासकर लगातार हो रही बारिश के बीच भूकंप का आना खतरे से कम नहीं है. क्योंकि भूकंप प्राकृतिक आपदो है जिसे रोका नहीं जा सकता है. ऐसे में, जरूरी है कि सेफ्टी पर फोकस किया जाए.
1. भारी बारिश के कारण मिट्टी का कटाव ज्यादा होता है. और इस कारण लैंडस्लाइट और मडस्लाइड हो सकती है. डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमालय में 73% लैंडस्लाइड की वजह भारी हिमपात और बारिश है.
2. भारी बारिश के कारण मिट्टी पानी से लबालब हो जाती है और अगर बिल्डिंग्स की नींव में बहुत ज्यादा पानी पहुंचने से भूकंप में इसके गिरने का खतरा बढ़ जाता है. खासकर ऐसी इमारतें जो बहुत पुरानी हैं, जिनकी ठीक से मरम्मत या रखरखाव नहीं हो रहा है और जो भूकंप प्रतिरोधी नहीं हैं.
3. भारी बारिश से सड़कों पर जलभराव हो जाता है और ऐसे में, भूकंप आने से सड़कों में दरार आ सकती है, जिससे सड़कों पर परिवहन मुश्किल हो सकता है.
4. भूकंप के कारण बांध टूट सकते हैं और भारी बारिश स्थिति को और बिगाड़ देती है. इससे बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है.
अपना बचाव करें पहले: अगर आप अपने घर के अंदर हैं तो सबसे पहले किसी मेज के नीचे छिपें, सिर को हाथों से कवर करें और तब तक न उठें जब तक भूकंप के झटके रुक न जाएं.
सुरक्षित जगह जाएं: अगर आप बाहर हैं तो इमारत, पेड़, पावर लाइन्स से दूर खुली जगह पर जाएं.
आसपास की चीजों से सतर्क रहें: अपने आसपास का ध्यान रखें कि कोई ऐसी चीज तो नहीं है जो खतरा हो सकती है जैसे टूटी हुई इलक्ट्रिकल लाइन्स, फटे गैस पाइप, खिड़कियां, भारी सामान आदि से दूर रहें.
लिफ्ट न करें इस्तेमाल: लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें.
इमरजेंसी किट रखें तैयार: इमरजेंसी किट में खाना, पानी, दवाएं, फर्स्ट एड किट, फ्लैशलाइट, और बैटरी होनी चाहिए.
क्या आपकी बिल्डिंग भूकंप प्रतिरोधी है: आज जहां रह रहे हैं या काम करते हैं, वहां पता करें कि क्या वह इमारत भूकंप प्रतिरोधी है?
ड्राइविंग के समय रहे सावधान: अगर आप भूकंप के समय ड्राइव कर रहे हैं तो गाड़ी को रोककर साइड में लगा लें. खासतौर पर किसी इमारत, पेड़, ओवरपास या तारों से दूर गाड़ी को खड़ा करें.
आफ्टरशॉक से सावधानी: भूकंप के बाद आफ्टरशॉक यानी छोटे-छोटे झटके आ सकते हैं जो हमेशा सावधानी बरतें.
ऐप करें डाउनलोड: अपने फोन में BhooKamp ऐप रखें, इससे भूकंप से जुड़ी ताजा जानकारी मिलती है.