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जानिए Wing Commander Vikrant Uniyal की कहानी, जिसने Mount Everest पर राष्ट्रगान गाकर रच दिया इतिहास

Mount Everest climb: इंडियन एयर फोर्स के विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने इतिहास रच दिया है. माउंट एवरेस्ट पर झंडा फहरा कर विक्रांत ने आजादी के अमृत महोत्सव में एक और नगीना जड़ दिया है. अपनी इस कामयाबी को उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम सेनानियों को समर्पित किया है.

विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने एवरेस्ट फतह किया (Twitter/PRO Udhampur, Ministry of Defence) विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने एवरेस्ट फतह किया (Twitter/PRO Udhampur, Ministry of Defence)
हाइलाइट्स
  • विक्रांत उनियाल ने माउंट एवरेस्ट पर राष्ट्रगान गाकर रचा इतिहास

  • उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले हैं विक्रांत उनियाल

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर विक्रांत उनियाल माउंट एवरेस्ट को फतह किया है. विक्रांत ने राष्ट्रगान गाते हुए राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया. विक्रांत उनियाल ने देश को आजादी दिलाने वाले गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि दी. विक्रांत उनियाल ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहरा कर 130 करोड़ हिंदुस्तानियों का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है. विक्रांत की इस कामयाबी से सरहद की हिफाजत में लगे जवानों का सीना भी चौड़ा हो गया है.

15 अप्रैल को शुरू हुआ था मिशन-
ये मिशन 15 अप्रैल को नेपाल के काठमांडू से शुरू हुआ. इस मुहिम में कई दूसरे देशों के लोग भी विंग कमांडर उनियाल के साथ थे. हालांकि विंग कमांडर उनियाल अकेले भारत की अगुवाई कर रहे थे. ये मुहिम आसान भी नहीं थी. टीम को इलाके की कठिनाई के अलावा कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. पहाड़ पर पारा दिन के समय माइनस 10 से 20 सेल्सियस के बीच था. यहां के मौसम में रात के समय पारा और गिर जाता है. इसके चलते यहां पर्याप्त ऑक्सीजन फेफड़ों को मिल पाना आसान नहीं है. यहां जान बचाने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ता है. बावजूद इसके 21 मई को विंग कमांडर उनियाल ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहरा दिया. विक्रांत ने ये चढ़ाई 36 दिन में पूरी की. 

कौन हैं विंग कमांडर विक्रांत-
विंग कमांडर विक्रांत फिलहाल एयर फोर्स के सेंट्रल कमांड हेडक्वार्टर प्रयागराज में पोस्टेड हैं. जो पिछले साल ट्रांसफर हो कर आए थे. विंग कमांडर विक्रांत उनियाल एक योग्य पर्वतारोही हैं. वे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी, सेना पर्वतारोहण संस्थान सियाचीन और राष्ट्रीय पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान, अरुणाचल प्रदेश से ट्रेनिंग हासिल कर चुके हैं. 

उत्तराखंड के रहने वाले हैं विक्रांत-
विक्रांत उत्तराखंड के टिहरी गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता देहरादून में रहते हैं. विक्रांत की पढ़ाई देहरादून के सेंट जोसफ कॉलेज राजपुर रोड से हुई है. विक्रांत ने इंटर पास करने के बाद ही पहली बार में ही एनडीए पास कर लिया था. साल 1997 में एनडीए और साल 2000 में कमीशन मिला था. साल 2018 में सियाचिन में आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग ली.

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