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बचपन से था वकील बनने का सपना, अब बनेंगे देश के 58वें CJI... जानेें कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत

वे 38 साल की उम्र में वे हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल (AG) बने. साल 2004 में, 42 वर्ष की उम्र में, उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया.

नवंबर 2025 में जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे. वे हरियाणा से इस पद तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति होंगे. जस्टिस सूर्यकांत हमेशा से अपनी मेहनत, सादगी और न्याय के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते रहे हैं. जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद इलाके के पेटवार गांव में हुआ था. उनके पिता संस्कृत के शिक्षक थे और मां गृहिणी. वे चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं.

कहां से प्राप्त की शिक्षा
गांव के स्कूल से शुरुआती शिक्षा पाने के बाद उन्होंने 1984 में महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU), रोहतक से एलएलबी की डिग्री ली. उनके बड़े भाई रविकांत, जो एक रिटायर्ड शिक्षक हैं, बताते हैं कि सूर्यकांत बचपन से ही वकील बनने का सपना देखा करते थे.

एलएलबी पूरी करने के बाद जस्टिस सूर्यकांत ने हिसार की जिला अदालत में एक साल तक वकालत की. 1985 में वे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट, चंडीगढ़ में प्रैक्टिस करने पहुंचे. बाद में, जज रहते हुए भी उन्होंने शिक्षा जारी रखी और 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री हासिल की.

सबसे युवा एडवोकेट जनरल और जज
सिर्फ 38 साल की उम्र में वे हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल (AG) बने. साल 2004 में, 42 वर्ष की उम्र में, उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया. 14 साल से अधिक समय तक उन्होंने न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और फिर 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. इसके बाद, 24 मई 2019 को वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

लिए कई ऐतिहासिक फैसले
हाई कोर्ट में रहते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कई अहम फैसले दिए. उन्होंने कैदियों को अपने जीवनसाथी से मिलने का अधिकार देने वाले ऐतिहासिक आदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे उस बेंच का हिस्सा थे जिसने 2017 में डेरा सच्चा सौदा परिसर की सैनेटाइजेशन प्रक्रिया का आदेश दिया था, जब डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद हिंसा भड़की थी. उन्होंने पंजाब के भोला ड्रग रैकेट मामले की सुनवाई की और पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में नशे के खिलाफ कई सख्त निर्देश जारी किए.