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नौकरी पाने के मामले में भी महिलाएं पुरुषों से आगे, इन राज्यों के युवा JOB के लिए सबसे ज्यादा काबिल

घर की दहलीज को पार कर नौकरी की तलाश और कदम चुनौतियों का सामना करते हुए देश की महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि मौकों के अभाव में भी वे अपनी राह खुद तलाश कर सकती हैं. पिछले 10 सालों में महिलाओं की रोजगार क्षमता में लगातार वृद्धि हो रही है.

नौकरी के मामले में महिलाएं आगे नौकरी के मामले में महिलाएं आगे
हाइलाइट्स
  • नौकरी के मामले में महिलाएं आगे

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज में 62 हजार 560 महिलाएं कार्य करती हैं.

पहले की तुलना में महिलाएं अब ज्यादा सशक्त हो रही हैं. सरकारी से लेकर प्राइवेट जॉब्स में महिलाओं की संख्या तेजी बढ़ रही है. देश में नौकरी पाने के मामले में भी महिलाएं पुरुषों से आगे हैं. द व्हीबॉक्स इंडिया स्किल्स ने अपनी रिपोर्ट 2023 में यह दावा किया है. इस साल 47.2 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में रोजगार योग्य महिलाओं का प्रतिशत बढ़कर 52.8% हो गया है. पिछले 10 सालों में महिलाओं की रोजगार क्षमता में लगातार वृद्धि हो रही है.

बीटेक किए हुए युवा नौकरी के लिए सबसे ज्यादा काबिल

भारत का रोजगार कार्यबल भी बढ़ा है. यह 46.2 फीसदी से बढ़कर 50.3 प्रतिशत हो गया है. यानी इसमें करीब 5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. इस रिपोर्ट में 3.75 लाख अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और यूपी के वो युवा जिन्होंने बीटेक, एमबीए और बी कॉम किया था, नौकरी के लिए सबसे काबिल पाए गए. देश के विकासशील श्रम बाजार में ये परिवर्तन के सकारात्मक संकेत हैं. रोजगार में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी से उद्योगों को बढ़ावा मिलता है. 

बता दें, भारत में ऐसा कोई प्रभावी कानून नहीं है जो कार्यस्थल पर महिलाओं को बराबरी का अधिकार देता हो. बावजूद इसके ये आंकड़े सकारात्मक परिवर्तन की ओर इशारा करते हैं. भारत में ऐसे कानून और अधिनियम हैं जो महिलाओं को रात के समय पुरुषों की तरह काम करने से रोकते हैं. 

​​महिलाओं को जॉब देने के मामले में ये कंपनियां आगे
हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाओं को नौकरी देने के मामले में टीसीएस सबसे आगे है. टीसीएस में 2.1 लाख महिलाएं कार्य करती हैं. महिलाओं को जॉब देने के मामले में इन्फोसिसिस दूसरे नंबर पर आता है. विप्रो में 88 हजार से ज्यादा महिलाएं कार्यरत हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज में 62 हजार 560 महिलाएं कार्य करती हैं. कई मामलों में प्रगति के बावजूद, लैंगिक बराबरी के मामले में भारत की रफ्तार अभी धीमी ही है.