World Food Day
World Food Day World Food Day (विश्व खाद्य दिवस) की स्थापना 1979 में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने की थी. खाद्य सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में भूख और कुपोषण को खत्म करने के लिए प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए यह दिन मनाया जाता है. दुनियाभर के देशों में भुखमरी और कुपोषण से लड़ने के लिए तरह-तरह के अभियान चलाए जाते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं भारत सरकार की कुछ योजनाओं के बारे में.
1. राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission)
राष्ट्रीय पोषण मिशन को POSHAN (The Prime Minister’s Overarching Scheme for Holistic Nutrition) अभियान के रूप में भी जाना जाता है. यह बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करने के लिए भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है. इस मिशन को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनू से लॉन्च किया था. पोषण अभियान का उद्देश्य देश का ध्यान कुपोषण के मुद्दों की ओर लाना है.
पोषण अभियान का उद्देश्य कुपोषण के इर्द-गिर्द एक जन आंदोलन (जन आंदोलन) बनाना है और अगले तीन सालों में कुपोषण की दर को कम से कम करना है. इसके तहत, चार पॉइन्ट्स पर काम किया जा रहा है:
इस अभियान के कुछ प्रमुख उद्देश्य:
2. ईट राइट इंडिया मूवमेंट
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुसार, FSSAI यह सुनिश्चित करता है कि भारत में लोगों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध है. इस प्रकार, ईट राइट इंडिया मूवमेंट देश के फूड सिस्टम को सेफ और हेल्दी खाने की आदतों में बदलने का एक बड़ा प्रयास है. यह मूवमेंट पूरे देश में फैला है जिसका उद्देश्य सुरक्षित और पौष्टिक भोजन खाने के बारे में जागरूकता लाना है. 'ईट राइट इंडिया', इन तीन बातों पर आधारित है- 'हेल्दी खाएं', 'सेफ खाएं' और 'सस्टेनेबली खाएं'
यह कई अलग-अलग प्रोग्राम्स के साथ सहायक पहल है जैसे:
यह अभियान महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य न केवल देश के लोगों के लिए अच्छे खाने की आदतें विकसित करना है बल्कि ऐसे खाने को बढ़ावा देना है जो पृथ्वी व पर्यावरण के लिए अच्छा है. ईट राइट इंडिया का लक्ष्य 2050 तक सभी के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और सस्टेनेबल भोजन की संस्कृति बनाना है.
लोगों को स्वस्थ खाना खाने के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कई पहल की हैं जैसे ईट राइट इंडिया हैंडबुक, पोषण माह, ईट राइट मेला आदि.
3. मिड-डे मील प्रोग्राम
मिड-डे मील योजना एक स्कूल फूड प्रोग्रान है जिसे देश भर में स्कूल जाने वाले बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से बनाया गया है. यह कार्यक्रम सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त स्थानीय निकाय, सर्व शिक्षा अभियान के तहत समर्थित मदरसों और मकतबों, शिक्षा गारंटी योजना और ऑप्शनल शिक्षा केंद्रों और राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्कूल में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध कराता है.
मिड डे मील स्कीम के तहत, 1.27 मिलियन से अधिक स्कूलों और शिक्षा गारंटी योजना केंद्रों में 120 मिलियन बच्चों को दोपहर का खाना परोसा जाता है, जो इसे दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा अभियान बनाता है. आपको बता दें कि मिड डे मील स्कीम पहली बार तमिलनाडु में शुरू की गई थी, जिसकी शुरुआत 1960 के दशक की शुरुआत में पूर्व मुख्यमंत्री के. कामराज ने की थी. यह योजना भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत 2002 तक सभी राज्यों में लागू की गई थी.
4. जीरो हंगर प्रोग्राम
जीरो हंगर प्रोग्राम एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य पूरे देश में भुखमरी को कम करना है. भारत में जीरो हंगर प्रोग्राम कृषि, स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए 2017 में शुरू किया गया था. यह कार्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) और एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की मदद से बनाया गया था.
इस प्रोग्राम का उद्देश्य है-
इस प्रोग्राम में एग्रीकल्चर डिवाइस विकसित करने, कृषि प्रणाली को नया रूप देने, बायोफोर्टिफाइड पौधों के लिए जेनेटिक गार्डन बनाने और जीरो हंगर ट्रेनिंग शुरू करने पर भी जोर दिया गया है. भारत में ज्यादातर किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में ज़मीन नहीं है और उनके पास तकनीक का ज्ञान भी नहीं है. सही स्टोरेज, परिवहन और मार्केट प्लेस की उपलब्धता के बिना, ज्यादातर भोजन बर्बाद हो जाता है.