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Yamuna river pollution: यमुना का पानी सूखा तो खुल गई दिल्ली वालों की पोल, देखिए दिल्ली वालों ने नदी में क्या-क्या फेंका

दिल्ली के कालिंदी कुंज के बैराज के दूसरी तरफ पानी का प्रवाह बंद कर दिया गया है. नदी का पानी सूखते ही तलहटी दिखाई देने लगती है. इस तलहटी की तस्वीरें भयानक है.. यहां प्लास्टिक का जैसे कोई बीच बन गया हो. देखने में लगता है जैसे नदी किनारे सफेद पत्थर हैं.

Yamuna River Yamuna River
हाइलाइट्स
  • नदी किनारे बन गया प्लास्टिक बीच

  • खिए दिल्ली वालों ने नदी में क्या-क्या फेंका

नई सरकार के गठन के पहले ही दिल्ली में यमुना की सफ़ाई का काम शुरू हो गया था लेकिन आज आपको यमुना की एक ऐसी तस्वीर दिखाते हैं जिसे देखकर दिल्ली वाले खुद अपना माथा पीट लेंगे.

'नदी किनारे बन गया प्लास्टिक बीच'
दिल्ली के कालिंदी कुंज के बैराज के दूसरी तरफ पानी का प्रवाह बंद कर दिया गया है. नदी का पानी सूखते ही तलहटी दिखाई देने लगती है. इस तलहटी की तस्वीरें भयानक है.. यहां प्लास्टिक का जैसे कोई बीच बन गया हो. देखने में लगता है जैसे नदी किनारे सफेद पत्थर हैं लेकिन असल में ये प्लास्टिक हैं, जो जमा होकर किसी पत्थर की तरह दिखाई दे रहा है. नदी के किनारे ये किसी प्लास्टिक बीच सा दिखाई देता है.

Yamuna River

मूर्ति तो छोड़िए, किचन के चम्मच, अनाज के खाली पैकेट और स्कूल बैग तक नदी में फेंका
तस्वीरें बताती हैं कि दिल्ली वालों ने यमुना नदी में सब कुछ फेंका. नदी में भगवान की मूर्ति तो है ही, उसके अलावा पुराने बैग, अनाज के ख़ाली पैकेट, बोरियाँ, बैंक डॉक्यूमेंट, टूटे आईकार्ड, मेडिकल वेस्ट सहित तमाम तरह का कूड़ा यहां दिख जाता है.

Yamuna River

चालान तो खूब हुए लेकिन रिकवरी में फुस्स
पर्यावरणविद सचिन गुप्ता बताते हैं कि दिल्ली के लोगों ने सबकुछ जो उनके काम का नहीं था यमुना में प्रवाहित कर दिया. वो बताते हैं कि वक्त वक्त पर कई तरह के चालान भी किए गए लेकिन उन चालान की रिकवरी कभी बिल्कुल नहीं हुई तो कभी न के बराबर हुई. साल 2023 में 54 लाख 65 हज़ार के 463 चालान हुए लेकिन इनमें से एक भी रुपए की रिकवरी नहीं हुई.