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तेलंगाना: एक शराब की बोतल का आप देते हैं इतना प्रतिशत टैक्स, राज्य गठन के बाद चार बार बढ़ाया जा चुका है कर  

शराब की बिक्री और पेट्रोल और डीजल पर वैट तेलंगाना सरकार (Government of Telangana)के राजस्व का मुख्य स्रोत रहा है. 2014 में राज्य के गठन के बाद से अब तक चार बार टैक्स बढ़ाया जा चुका है. 

Alchohol Alchohol
हाइलाइट्स
  • दो साल की शराब नीति में हुई 54,000 करोड़ रुपये की कमाई

  • राज्य गठन के बाद चार बार बढ़ाया गया टैक्स

तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से अबतक शराब की कीमतें चार गुना बढ़ गई है, जिसके कारण हर बोतल पर पर्याप्त मात्रा में टैक्स लगता है. एक अनुमान के मुताबिक शराब की बोतल की कीमत का 70 फीसदी टैक्स होता है, जिसका भुगतान राज्य को किया जाता है. इसी कारण से राज्य सरकार ने पिछले दो साल की शराब नीति में 54,000 करोड़ रुपये की कमाई की है.

शराब की बिक्री और पेट्रोल और डीजल पर वैट तेलंगाना सरकार के राजस्व का मुख्य स्रोत रहा है. 4 नवंबर को केंद्र द्वारा कीमतों में कमी की तर्ज पर पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने से इनकार करते हुए, तेलंगाना सरकार ने राज्य में खुदरा शराब की दुकानों की संख्या 404 और बढ़ाने का फैसला किया था. राज्य सरकार को पिछली नीति के दो वर्षों में शराब की बिक्री से 54,583 करोड़ रुपये, कर राजस्व में 38,200 करोड़ रुपये, और अन्य 3,000 करोड़ रुपये आवेदन और लाइसेंस शुल्क के रूप में प्राप्त हुए. 

कितना हिस्सा जाता है सरकार के पास 

बता दें कि, 650 मिली बीयर की निर्माण लागत लगभग 22 रुपये है, लेकिन यह उपभोक्ताओं को 140 रुपये में बेची जाती है. राज्य सरकार को 99 रुपये का बड़ा हिस्सा मिलता है. शेष खुदरा विक्रेताओं के पास मार्जिन के रूप में जाता है. सूत्रों ने बताया कि "सस्ती शराब की कीमतों में 80 प्रतिशत कर शामिल हैं, जबकि ब्रांडेड शराब में 70 प्रतिशत कर शामिल हैं. नतीजतन, पड़ोसी कर्नाटक में शराब की कीमत की तुलना में कम से कम 40 रुपये से 50 रुपये का अंतर है. 

2014 के बाद चार बार बढ़ाया गया टैक्स

2014 में राज्य के गठन के बाद से अब तक चार बार टैक्स बढ़ाया जा चुका है. 2015 में दरों में 8 प्रतिशत, 2017 में 10 प्रतिशत और 2019 के दिसंबर में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई. राज्य सरकार ने 22 प्रतिशत का कोरोना उपकर लगाया. अन्य राज्यों ने अपना कोविड-19 उपकर वापस ले लिया है, लेकिन यह तेलंगाना में अन्य प्रकार के कराधान में किसी न किसी रूप में बना हुआ है. 

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