आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) युद्धक्षेत्र में क्रांति ला रहा है, जहाँ मशीनें इंसानों की तरह सोचने और सीखने में सक्षम हैं. ड्रोन, साइबर युद्ध और लॉजिस्टिक्स में इसका उपयोग बढ़ रहा है. हालाँकि, 'एआई सिस्टम को हैक किया जा सकता है', जिससे डेटा में हेरफेर और गलत निर्णय हो सकते हैं. एआई में मानवीय भावनाओं और नैतिक विचारों की कमी एक बड़ी चुनौती है. जवाबदेही, डेटा गोपनीयता और तकनीकी सीमाएँ सेना में इसके पूर्ण नियंत्रण को जोखिम भरा बनाती हैं.