जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से मुकाबले के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा रहा है, जिसके तहत संदिग्धों की पहचान के लिए एआई टॉर्च कैमरा और हथियार का पता लगाने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है. एक प्रदर्शन में यह प्रदर्शित हुआ कि एआई टॉर्च पुरानी तस्वीरों और मास्क पहने व्यक्तियों को भी पहचान सकती है, जैसा कि एक ट्रायल में देखा गया जहां 12 साल पुरानी इमेज थी जिसमें वह बच्चा था लेकिन वह बड़ा हो चुका था फिर भी वह कैमरा ने डिटेक्ट कर दिया और पहचान करके बताया. घाटी में सार्वजनिक स्थलों पर हाईटेक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं और बुलेटप्रूफ आवरण इन कैमरों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, यह सब 'मेड इन इंडिया' तकनीक पर आधारित है.