महाराष्ट्र के अकोला में विदर्भ की कृषि परंपराओं का महत्वपूर्ण पर्व बैल पोला उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. यह पर्व पारंपरिक रंग रूप के साथ किसानों द्वारा मनाया गया. यह दिन किसानों के सच्चे साथी बैल के लिए आराम और सम्मान का माना जाता है. इस अवसर पर किसान अपने बैलों को नहलाते, धुलाते हैं और हल्दी व घी से उनकी मालिश करते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि साल भर हल खींचने वाले बैलों की गर्दन मजबूत और स्वस्थ बनी रहे. अकोला में यह उत्सव पिछले 100 सालों से अधिक समय से मनाया जा रहा है. इस उत्सव की खास बात यह है कि पिछले 25 वर्षों से यहां बैल सजावट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है.