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90 साल के Dalai Lama, कौन होगा उत्तराधिकारी? चीन की शर्त! जानिए

तिब्बतियों के धर्मगुरु और सर्वोच्च नेता दलाई लामा 90 साल के होने जा रहे हैं. हिमाचल के धर्मशाला में उनके जन्मदिन का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस बीच एक अहम सवाल खड़ा हो गया है कि दलाई लामा के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा और उसका चयन कैसे होगा. दलाई लामा ने हाल में स्पष्ट किया है कि उनके उत्तराधिकारी का चयन तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार ही होगा. दलाई लामा न केवल तिब्बती बुद्धों के सर्वोच्च धर्मगुरु होते हैं बल्कि भारत की धर्मशाला से काम कर रही निर्वासित तिब्बती सरकार के मुखिया भी हैं. मंगोलियाई भाषा में दलाई लामा का अर्थ है समुद्र जैसा ज्ञानी गुरु या ज्ञान का सागर. तिब्बत के लोगों की धार्मिक मान्यता के अनुसार दलाई लामा भगवान बुद्ध के स्वरूप अवलोकतेश्वर के अवतार होते हैं. तिब्बती परंपरा के अनुसार वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं की मृत्यु के बाद उनका पुनर्जन्म होता है. अब तक 14 व्यक्तियों को दलाई लामा के रूप में मान्यता मिली है. चौदहवीं दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी की पहचान, उसके चयन और मान्यता की जिम्मेदारी गांधीन पोंडरंग ट्रस्ट को सौंपी है. इस ट्रस्ट की स्थापना दलाई लामा ने 2015 में की थी. स्विट्जरलैंड से काम कर रही इस संस्था का उद्देश्य बुनियादी मानवीय मूल्यों और धर्मों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है. हालांकि चीन की ओर से कहा गया है कि बिना चीन की सरकार की मंजूरी के नई दलाई लामा का चयन नहीं होगा. सन् 1959 में दलाई लामा भारत आ गए थे. तभी से वे यहां हजारों तिब्बतियों के साथ निर्वासित तौर पर रह रहे हैं. चीन उनके कदमों का विरोध कर रहा है. नए दलाई लामा की घोषणा का इंतजार रहेगा, जिनके कदमों पर हजारों तिब्बतियों का भविष्य भी निर्भर रहेगा.