मानसून की शुरुआत के साथ दिल्ली में जलभराव और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली के मास्टर प्लान में जल निकास की कोई स्थायी नीति नहीं है, बल्कि केवल अस्थायी समाधानों पर ध्यान दिया जाता है, जैसा कि एक विशेषज्ञ ने कहा, 'जल निकास की कोई स्थायी नीती हमारे मास्टर प्लान में आज तक बनी नहीं तो जल निकास की तो सोचते नहीं. हम ये सोचते हैं कि जहाँ पानी भरेगा वहाँ पर पंप लगाओ और पंप से उसको डिस्पोज़ ऑफ करो.' पिछले वर्षों में दिल्ली में अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई है और डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी कई बीमारियां फैलने का अंदेशा है.