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Delhi में गर्मी का नया संकट: रातें भी तप रहीं, बिजली खपत रिकॉर्ड पर

एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की गर्मी में सिर्फ हवा का तापमान ही नहीं, बल्कि आर्द्रता (ह्यूमिडिटी) और हीट इंडेक्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लोगों को अक्सर इन पहलुओं की जानकारी नहीं होती, जिससे वे उचित कदम नहीं उठा पाते. रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में गर्मी लगातार बढ़ रही है, जिसका सीधा असर लोगों की सेहत और पर्यावरण पर पड़ रहा है. प्री-मॉनसून और मॉनसून के महीनों में बिजली की मांग में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. इस साल अप्रैल में ही हीट इंडेक्स 31 से 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में पहले है. मॉनसून के दौरान अगस्त में बिजली की मांग 7000 मेगावॉट के पार चली गई, जो पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पार कर गई. रात के तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि घनी इमारतें गर्मी को बाहर नहीं निकाल पातीं. इससे लोग रात में भी कूलर और एसी जैसे कूलिंग उपकरणों का अधिक उपयोग कर रहे हैं, जिससे गर्मी और बढ़ रही है. जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव आ रहा है, जहां मॉनसून में भी पश्चिमी विक्षोभ के कारण अत्यधिक बारिश और फिर गर्मी का अनुभव हो रहा है. सर्दियां भी अब उतनी तीव्र नहीं होतीं. आधुनिक इमारतों के डिज़ाइन में क्रॉस वेंटिलेशन की कमी भी इस समस्या को बढ़ा रही है.