इसरो ने गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में पहला हवाई ड्रॉप टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिसमें पैराशूट की मदद से अंतरिक्ष यान की गति कम करने की तकनीक का परीक्षण किया गया. इस परीक्षण में भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ, नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल का संयुक्त योगदान रहा. क्रू मॉड्यूल को चिनूक हेलिकॉप्टर से चार किलोमीटर की ऊंचाई से गिराया गया ताकि पैराशूट के खुलने और सुरक्षित लैंडिंग की जांच की जा सके. गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसरो के अनुसार, पहला मानवरहित मिशन गगनयान-1 इस साल दिसंबर में लॉन्च होगा, जिसमें व्योममित्रा रोबोट भेजा जाएगा. मिशन गगनयान तीन दिन का होगा और इसमें मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर भेजा जाएगा. एक अधिकारी ने कहा, "बहुत ही जल्द हमें इंडियन सॉइल से इंडियन रॉकेट पे, एक इंडियन कैप्सूल में एक इंडियन को भेजना है" भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद अंतरिक्ष में इंसान भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा. 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्षयात्री भेजने का लक्ष्य है.