गणेश उत्सव की तैयारियां देश भर में जोर-शोर से चल रही हैं. मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों में विघ्नहर्ता की मूर्तियां बनाई जा रही हैं. इस बार पर्यावरण के अनुकूल गणेश मूर्तियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मूर्तियों के निर्माण में क्ले और हर्बल रंगों का इस्तेमाल हो रहा है, ताकि उत्सव के साथ वातावरण भी स्वच्छ रहे. मुंबई में गणेश चतुर्थी की रौनक देखने लायक है, जहां इको-फ्रेंडली मूर्तियों के खरीदार भी बड़ी संख्या में हैं. हैदराबाद के खैरताबाद में इस बार 69 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा तैयार की जा रही है. इसे बनाने में तमिलनाडु और ओडिशा से लगभग 60 कारीगर तीन महीने से काम कर रहे हैं. यह प्रतिमा भी पूरी तरह से इको-फ्रेंडली है, जिसमें 20 टन क्ले और हर्बल रंगों का उपयोग किया गया है. एक कारीगर ने बताया, "मट्टी में चल रहा है काम या मट्टी और घास और सुतली इसी में चल रहा है काम लेकिन पी ओह पी नहीं है कहां? पीपी ओह पी नहीं यूज कर रहा सब तो मट्टी है. कलर भी वाटर कलर है" खैरताबाद की गणेश उत्सव समिति 2020 से ही इको-फ्रेंडली परंपराओं को बढ़ावा दे रही है, जिसका उद्देश्य स्वस्थ वातावरण में त्योहार की खुशियां बांटना है.