इस बार सावन की शिवरात्रि पर बृहस्पति, चंद्र और शुक्र ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण गज केसरी और पंच महापुरुष जैसे शुभ योग बन रहे हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इन संयोगों के कारण की गई पूजा और साधना से भक्तों को विशेष वरदानों की प्राप्ति हो सकती है. जिन लोगों के विवाह में विलंब हो रहा है, उनके लिए यह शिवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं, "जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है, इस बार सावन की शिवरात्री पर ऐसा संयोग बना है कि अगर वो अपनी आयु के बराबर बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाकर प्रार्थना करेंगे तो उनका विवाह शीघ्र होगा." शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव का लिंग के रूप में प्राकट्य हुआ था और इसी दिन उनका विवाह भी माना जाता है. इस दिन व्रत, मंत्र जप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है.