हिमाचल प्रदेश में जुलाई में 170 से अधिक लोगों की मौत हुई और 160 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. कुल्लू और मंडी जिलों में भारी तबाही हुई है. इसके पीछे जलवायु परिवर्तन और विकास के तरीके को मुख्य कारण बताया गया है, जिसमें हाइडल प्रोजेक्ट, सीमेंट प्लांट, फोर लेन निर्माण और नदी घाटियों में बस्तियां बसाना शामिल है. सड़कों के जाल से फेंका गया मलबा भी बाढ़ और भूस्खलन का कारण बना है.