हिमालय पर्वत को जलवायु वैज्ञानिकों ने दुनिया का वल्नेरेबिलिटी हॉटस्पॉट माना है। पेरिस क्लाइमेट टॉक्स में 1.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान न जाने देने की बात कही गई थी, लेकिन हिमालय क्षेत्र में ग्लोबल नॉर्थ के उत्सर्जन के कारण तापमान पहले ही 1.8 से 1.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है। आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 1996 के बाद पैदा हुए बच्चे आपदा के साथ ही जन्मे हैं, जिसका अर्थ है कि आपदा उनकी जिंदगी का एक हिस्सा बन गई है।