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World Chess Championship में हारने के बाद प्रज्ञानंद की हो रही चर्चाएं, कामयाबी में मां का रहा है अहम योगदान

18 साल के युवा शतरंज खिलाड़ी प्रज्ञानंदा की चर्चा हर ओर है. बावजूद इसके कि वो शतरंज का फ़िडे वर्ल्डकप चैंपियनशिप हार गए. क्योंकि खेल में जीत-हार से बड़ी होती है जीत की ज़िद. जो प्रज्ञानंद में दुनिया को दिखा. जब उसने दुनिया के नंबर 2 शतरंज खिलाड़ी को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी. उनकी इस कामयाबी में परिवार के सभी सदस्यों का हाथ है.

The discussion of 18 year old young chess player Pragyananda is everywhere. Despite that he lost the FIDE World Cup Championship of Chess. Because in sports, the determination to win is greater than winning or losing.