देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. मॉनसूनी आफत के बीच रेस्क्यू टीमें प्रभावितों के लिए काम कर रही हैं. सेना, आपदा विभाग और दूसरी एजेंसियों की टीमें अपना फर्ज निभाते हुए आगे बढ़ रही हैं. जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में 14 अगस्त की दोपहर 12:25 पर बादल फटा था. यह हादसा उस वक्त हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए चसोटी गांव पहुंचे थे. अब भी यहां जिंदगी की तलाश हो रही है. सेना और स्वयंसेवी संगठन लगातार मलबे से जिंदगी की तलाश में जुटे हैं. कठुआ में शनिवार की देर रात आसमान से आई आफत ने लोगों को बेघर कर दिया. सेना, वायु सेना, पुलिस और दूसरी एजेंसियों की टीमें प्रभावितों की मदद में जुटी हैं. सोमवार को भी यहां राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया गया. सात इंजर्ड जो क्रिटिकल इंजर्ड थे वो उनको एयरलिफ्ट इंडियन आर्मी ने यहां से कर दिया है. गुजरात के जूनागढ़ में भी रेस्क्यू टीमों ने आम लोगों और बेज़ुबानों को नई ज़िन्दगी दी. भारी बारिश के बाद गिरनार पहाड़ी पर सुरनथ नदी में पानी बढ़ गया, जिससे 50 से ज्यादा सैलानी जंगल में फंस गए.