पिछले कुछ महीनों में वैश्विक स्तर पर ड्रोन युद्ध का महत्व बढ़ा है. ऐसे में भारत भी इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत के पास अब ऐसे स्वदेशी ड्रोन हैं जिन्हें दुश्मन रोक नहीं सकता. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हॉक ड्रोन ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. इस मेड इन इंडिया ड्रोन ने बिना सीमा लांघे दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखी और सटीक विजुअल डेटा उपलब्ध कराया. इसे डिफेंस की भाषा में 'ओवर दी हिल सर्विलांस' कहा जाता है. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान ने हॉक ड्रोन को जैम करने के लिए जिप्सी जैमर का इस्तेमाल किया, लेकिन हॉक ड्रोन ने डेढ़ किलोमीटर की ऊंचाई पर जाकर इसे बायपास कर दिया. हॉक ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि युद्धक्षेत्र में इसे हैक करना नामुमकिन है. इसका हर पार्ट और चिप भारत में ही बना है, जिससे इसकी तकनीक पूरी तरह सुरक्षित है. "यह वास्तव में एक फोर्स मल्टीप्लायर है क्योंकि यह युद्धक्षेत्र का बर्ड्स आई व्यू देता है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह किसी भी व्यक्ति के जीवन को खतरे में नहीं डालता" चेन्नई की झुपा जियो नेविगेशन टेक्नोलॉजीज ने पिछले दो सालों में सेना को ऐसे लगभग 150 ड्रोन उपलब्ध कराए हैं.