scorecardresearch

Indian Army का ड्रोन प्रदर्शन और स्वदेशी Sudarshan Chakra का सफल परीक्षण, देखिए

भारतीय सेना ने 17,000 फीट की ऊंचाई पर फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन का प्रदर्शन किया, जिसमें अग्निवीर अनिल देव ने भाग लिया. फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने सूर्या कमांड की ओर से ड्रोनाथॉन 2025 का आयोजन किया था. इस बीच, भारत ने अपने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम 'सुदर्शन चक्र' को तैयार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इसरो द्वारा विकसित इस सिस्टम का ओडिशा तट पर 23 अगस्त 2025 को पहला सफल उड़ान परीक्षण किया गया. यह इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम हवाई हमलों से बचाव के लिए एक मजबूत रक्षा कवच है. यह मल्टी-लेयर्ड सिस्टम है, जिसमें पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया गया है. इसमें क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QR SAM) और एडवांस वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (IADWS) शामिल हैं. इसमें पावर लेजर आधारित डायरेक्ट एनर्जी वेपन (DEW) भी लगा है. उड़ान परीक्षण के दौरान, सिस्टम ने दो हाई-स्पीड यूएवी और एक मल्टीकॉप्टर ड्रोन सहित तीन लक्ष्यों को ध्वस्त किया. इस सिस्टम के बारे में कहा गया है कि "ये मिशन सुदर्शन चक्र ये पावरफुल बैकपुन सिस्टम विश्व के हमले को न्यूट्रलाइट तो करेगा ही करेगा लेकिन कई गुना ज्यादा" यह 2500 किलोमीटर से अधिक रेंज में दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने और 150 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर इंटरसेप्ट करने में सक्षम होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योगों को बधाई दी है. इस सिस्टम को 2026 तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य है, जिस पर लगभग 50,000 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है.