ऑपरेशन सिंधु की सफलता के पश्चात, भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के विषय पर विश्वव्यापी स्तर पर उजागर करने हेतु सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजा है। इस सरकारी पहल पर देश में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है; कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) जैसे विपक्षी दल इसे 'ध्यान भटकाने का प्रयास' कह रहे हैं, जबकि प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित सदस्य इसे पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठ को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का एक आवश्यक अभियान मान रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे प्रकरण पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र आयोजित करने की भी मांग की है।