भारत और अमेरिका के बीच युद्धाभ्यास 2025 अलास्का में शुरू हो गया है. यह संयुक्त युद्धाभ्यास 1 सितंबर से 14 सितंबर तक चलेगा. इसमें दोनों देशों के 450-450 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. भारतीय सेना की मद्रास रेजिमेंट और अमेरिकी सेना की फर्स्ट बटालियन फिफ्थ इन्फेंट्री रेजिमेंट तथा एलेवेंथ एयरबोर्न डिवीज़न की आर्कटिक वॉल्स ब्रिगेड इसमें शामिल हैं. इस अभ्यास में आधुनिक तकनीक, ड्रोन ऑपरेशन, वॉर आर्टिलरी, एविएशन सपोर्ट, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर मॉनीटरिंग सिस्टम और एंटी-ड्रोन सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मेडिकल असिस्टेंट और कॉम्बैट कैजुअल्टी केयर भी महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र हैं. सूचना युद्ध, संचार और रसद जैसे मामलों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है. इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और मल्टी डोमेन चुनौतियों के लिए दोनों सेनाओं को तैयार करना है. साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने की बुनियाद बनाना है. बदलते युद्ध परिदृश्य में इलेक्ट्रॉनिक और टेक्निकल वारफेयर की प्रभावशीलता बढ़ी है.