पंजाब में सैलाब का सितम जारी है, जहां सेना के जवान देवदूत बनकर सामने आए हैं. फिरोजपुर में सतलुज नदी के जल प्रवाह को शहर में दाखिल होने से रोकने के लिए 50 से अधिक सेना के जवानों ने रेत की बोरियों से मजबूत दीवार बनाई. कपूरथला में भी ब्यास नदी का पानी गांवों में दाखिल हो चुका है, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है. सेना के जवान यहां भी बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद कर रहे हैं. कुछ लोग अपने मवेशियों की देखभाल के कारण घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं, ऐसे लोगों तक आर्मी की बोट से राशन, पानी, पका हुआ खाना, ड्राई फूड और दूध के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं. इन बोट्स पर डॉक्टर भी मौजूद हैं. एक गांव में, जो ब्यास नदी के कहर से टापू बन गया है, 8 से 9 फीट तक पानी है. लोग आर्मी की बोट्स का इंतजार करते रहते हैं. एक व्यक्ति ने कहा, 'जिसने यह आपदा दिलाई है, वही सुरक्षा से बाहर भी निकालेगा' सेना के जवान हर गांव में जाकर लोगों का हालचाल ले रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मदद बिना देरी के पहुंचे.