भारतीय सेना में डॉग्स को 'साइलेंट वॉरियर्स' कहा जाता है। ये डॉग्स विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, जिसमें स्लिथेरिंग और घुसपैठियों को दबोचना शामिल है। इन्हें हथियार छीनने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है, खासकर हथियार पकड़े हुए हाथ पर हमला करने के लिए। ये डॉग्स खामोशी से मिशन को अंजाम देने में सक्षम हैं और इशारों पर भी आदेश समझते हैं। इनकी ट्रेनिंग 36 सप्ताह की होती है, जिसमें विभिन्न चरणों में विस्फोटक और नशीले पदार्थों का पता लगाना सिखाया जाता है।