मंडल दंपत्ति को सभी भारतीय पहचान पत्र जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड और राशन कार्ड होने के बावजूद बांग्लादेश भेज दिया गया. दो दिनों तक बांग्लादेश में भारत लौटने के लिए संघर्ष करने के बाद, स्थानीय पुलिस, बीएसएफ और बीजीबी की मदद से उनकी वापसी सुनिश्चित हुई, जिसके लिए उनके दस्तावेजों की पुष्टि की गई और गांव वालों से भी बात की गई. इस घटना पर एक ग्रामीण ने कहा, "बांग्लादेश गया वो घर आएगा कि नहीं जाएगा, बांग्लादेश मार के फेक देगा? बहुत टेंशन में था गांव वाला पूरा आदमी हम लोग बहुत टेंशन में था, उधर आएगा की घर में आ सकता हैं की नहीं सकता हैं. बहुत मुश्किल में था हम लोग."