उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में देश की पहली सरकारी ड्रोन टेस्टिंग लैब शुरू हो गई है. नेशनल टेस्ट हाउस (NTH) में स्थापित इस लैब का उद्देश्य सिविलियन ड्रोन की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता को प्रमाणित करना है. 250 ग्राम से ज़्यादा वज़न वाले किसी भी ड्रोन को सर्टिफिकेशन के लिए यहाँ कई कड़े परीक्षणों से गुज़रना होगा. इनमें न्यूमेटिक शॉक टेस्ट, एनवायरनमेंट टेस्ट, जिसमें ड्रोन को -40 डिग्री से लेकर 180 डिग्री तापमान में परखा जाता है, और डस्ट टेस्ट शामिल हैं, जहां धूल और आंधी जैसे हालात बनाए जाते हैं. एक अधिकारी के अनुसार, "हमारा मेन उद्देश्य है कि हम जो है, उन सेक्टर्स को डेवलप होने के लिए सर्विस प्रोवाइड करें" यह लैब स्टार्टअप्स के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है क्योंकि यहां सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया निजी एजेंसियों की तुलना में ज़्यादा पारदर्शी और कम खर्चीली है.