भारत के पास अब अपाचे के साथ स्वदेशी प्रचंड हेलिकॉप्टर भी है. यह हेलिकॉप्टर दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए अलर्ट मोड पर रहता है. साल 2010 में भारतीय वायु सेना ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड को लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर का ऑर्डर दिया था. इसका ग्राउंड और फ्लाइट टेस्ट हुआ, जिसके बाद रक्षा मंत्री ने इसे भारतीय वायु सेना को जोधपुर में सौंपा. भारत ने चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास एलसीएच प्रचंड को तैनात किया है, जिससे एलएसी और एलओसी तक निगरानी बेहतर और सुरक्षित हो जाती है. यह आतंकियों और घुसपैठियों पर लगाम लगाने में मदद करता है. माना जा रहा है कि 156 नए प्रचंड हेलिकॉप्टर आएंगे और उन्हें सात अलग-अलग यूनिट्स में सीमा के करीब पहाड़ियों पर तैनात किया जाएगा. "स्वदेशी हेलिकॉप्टर एलसीएच प्रचंड की ताकत को समंदर से लेकर सियाचिन की ऊंचाइयों तक परखा गया है." यह 268 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है और इसकी रेंज 550 किलोमीटर है. इसकी सर्विस सीलिंग रेंज करीब 6.5 किलोमीटर है. इसमें 45% स्वदेशी कंपोनेंट्स हैं और अगले पांच सालों में इसे पूरी तरह स्वदेशी बनाने का लक्ष्य है. यह स्लो मूविंग एयरक्रॉफ्ट, ड्रोन और टैंक पर अटैक कर सकता है. इसमें 20 एमएम की तोप, 70 एमएम रॉकेट और मिसाइलें लगी हैं. यह रात में भी अटैक करने में सक्षम है और दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में भी आसानी से ऑपरेट कर सकता है. करगिल युद्ध के दौरान ऐसे हेलिकॉप्टर्स की जरूरत महसूस हुई थी जो ज्यादा ऊंचाई तक पहुंच सकें.