भारतीय नौसेना की ताकत में वृद्धि हुई है। प्रगति मार्ग में आज भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत की बात की गई, जिसमें अब युद्धपोत आईएनएस इम्फाल की एंट्री हो गई है। रूस के तटीय शहर में एक समारोह में इसकी कमिशनिंग की गई। भारत आने के बाद इसे भारतीय नौसेना की वेस्टर्न नेवल कमान्ड में तैनात किया जाएगा। यह कमान्ड अरब सागर और पश्चिमी हिंद महासागर पर निगरानी रखती है। आईएनएस इम्फाल को दुनिया के सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जाता है। यह एक अडवांस्ड मल्टी रोल स्टील गाइडेड मिसाइल है। यह वारशिप दुनिया के सबसे खतरनाक ऐंटी शिप मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने में सक्षम है। आईएनएस इम्फाल को खास तौर पर ऐंटी सबमरीन वारफेयर के हिसाब से डिज़ैन किया गया है। इस युद्धपोत में चार के टी 216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। इसके अलावा इसमें एंटी सबमरीन रॉकेट सिस्टम भी है। आईएनएस इम्फाल में टॉर्पीडो भी मौजूद है, जो पानी के नीचे खतरों से मुकाबला करता है। यह सोनार से भी अपने आप को बचा सकता है और एयर से डिटेक्ट किए जाने पर ऐंटी जीपीएस और ऐंटी काउंटर मेजर्स भी इसके पास हैं। इसके इंजन की नॉइज़ और टरबाइन की नॉइज़ को कम किया गया है। भारतीय नौसेना के विशेषज्ञों और रूस के डिज़ैन ब्यूरो की मदद से इसे रूस में तैयार किया गया है। भले ही यह रूस में बना है लेकिन इसके लगभग 25% एलिमेंट्स भारतीय हैं। आईएनएस इम्फाल का नाम भगवान इंद्र की तलवार पर रखा गया है। इसका वजन उनतालीस है। यह समंदर में 30 नौटिकल मील यानी 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। एक बार में यह 3000 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है। इसमें आधुनिक हथियार और हाईटेक सेंसर लगाए गए हैं। यह तकनीक से लैस है, जिससे युद्ध जैसे हालात में दुश्मन के राडार इसे पकड़ नहीं सकते।