झारखंड के जमशेदपुर में रक्षाबंधन के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है. यहां आदिवासी महिलाओं ने पेड़ों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन दिया है. यह एक अनूठी परंपरा है जो पिछले 20 सालों से चली आ रही है. इस परंपरा का मुख्य उद्देश्य जंगल के पेड़ों को कटने से बचाना है. आदिवासी महिलाएं पेड़ों को अपना भाई मानती हैं. इसी भावना के साथ वे जंगल में पेड़ों को टीका लगाती हैं, उनकी आरती उतारती हैं और हर साल इन पेड़ों को राखी बांधती हैं. यह कार्य पेड़ों के प्रति उनके सम्मान और प्रकृति के साथ उनके जुड़ाव को दर्शाता है. यह परंपरा स्थानीय समुदाय द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का एक उदाहरण है. यह संदेश देता है कि प्रकृति का संरक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य है और इसे त्योहारों के माध्यम से भी बढ़ावा दिया जा सकता है.