वाराणसी के 1854 में बने बंगाली टोला इंटर कॉलेज में काकोरी कांड की 100वीं वर्षगांठ है. 9 अगस्त 1925 को इस कॉलेज के अध्यापक और छात्रों ने काकोरी कांड को अंजाम दिया. रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद और उनके साथियों ने इसी विद्यालय के एक कमरे में योजना बनाई थी, जिसमें अध्यापक सुशील कुमार लाहिड़ी और छात्र राजेंद्र नाथ लाहिड़ी शामिल थे. लखनऊ के पास काकोरी स्टेशन पर चलती ट्रेन को रोककर ब्रिटिश सरकार का खजाना लूटा गया. राजेंद्र नाथ लाहिड़ी ने ट्रेन की चेन खींची थी. यह एक सुनियोजित क्रांतिकारी कदम था जिसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के पैसों से उनके खिलाफ हथियार खरीदना था. यह विद्यालय हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के निर्माण और अन्य क्रांतिकारी गतिविधियों से भी जुड़ा है. राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, काकोरी कांड के मुख्य नायक, को मृत्युदंड की सजा हुई थी.