सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा, जिसके साथ ही करोड़ों शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी. इस धार्मिक यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक प्रशासन ने पुख्ता तैयारियां की हैं. हरिद्वार में कांवड़ यात्रा और मानसून की दोहरी चुनौती से निपटने के लिए एसडीआरएफ पूरी तरह तैयार है. एसडीआरएफ की टीमें लगातार मॉक ड्रिल कर रही हैं ताकि पानी के तेज बहाव में बहने वाले श्रद्धालुओं को तुरंत बचाया जा सके. आधुनिक उपकरण और तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. एक अधिकारी ने बताया, "हमारी छः स्थानों पर सात सब टीम तैनात रहेंगी जो कि मेजर ब्रिजेस, मेजर जो ओवर क्राउडिंग के स्पॉट्स है और जो मेजर घाट है उन सभी तो तैनात रहेंगी. कुछ स्थानों का नाम मैं आपको बताना चाहूंगा और ये स्थान जो है हमारे तीन जिलों में व्यवस्थापित हैं टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में जो पूरी तरीके से हाई पे चल रही है. हमारी और जहां भी हमको जाना होता है, हमारा रिस्पांस टाइम 5 मिनट से कम का है" कांवड़ यात्रा मार्ग में मांस-मदिरा की दुकानों को बंद रखने और होटलों, रेस्टोरेंट पर नेम प्लेट व रेट लिस्ट लगाने के भी आदेश दिए गए हैं. स्वच्छता, पेयजल और चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जा रहा है. शामली और मुजफ्फरनगर में भी सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, बैरिकेडिंग, वॉच टावर और पर्याप्त रोशनी का इंतजाम शामिल है. बिजली के खंभों पर पांच फुट तक इन्सुलेटेड प्लास्टिक शीट लगाने के भी निर्देश हैं. अंतर्राज्यीय और अंतर्जनपदीय समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि यात्रा शांतिपूर्ण संपन्न हो सके.