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मुगलों को धूल चटाने वाले लाचित बोड़फुकन की आज 400वीं जयंती, समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी

उत्तर पूर्व के एक ऐसे सेनानायक जिनकी वीरता और साहस की गाथा आज भी असम की सरजमीं पर गूंजती है. भारत माता के एक ऐसे वीर पुत्र जिनकी वीरता की गवाह ये ब्रह्मपुत्र नदी भी है. जिनके शौर्य और पराक्रम के किस्से ब्रह्मपुत्र नदी के कल कल बहते पानी में आज भी कहे सुने जाते हैं. पूर्वोत्तर में मुगलों को धूल चटाने वाले वो महापराक्रमी योद्धा थे लचित बोरफुकन. जिनकी 400वीं जयंती 24 नवंबर को धूमधाम से मनाई गई. कहते हैं जिस ब्रह्मपुत्र की धारा लचित के इशारों पर बदल जाया करती थी. उसी ब्रह्मपुत्र नदी पर वीरवार को मुगलों पर लचित की मशहूर सराईघाट युद्ध की विजयगाथा दोहराई गई.

The Mughal army led by Aurangzeb had to leave the battlefield and run away. In memory of that victory, Lachit Borphukan Day is celebrated every year on 24 November in Assam.