देश भर के लाखों भक्त लालबाग के राजा की पहली झलक का इंतजार कर रहे थे, जो अब सामने आ गई है. गणेश चतुर्थी से दो दिन पहले लालबाग के राजा की मूर्ति की पहली झलक श्रद्धालुओं के लिए जारी की गई. 27 अगस्त से पूरे देश में गणेश उत्सव धूमधाम से शुरू होगा. इस दौरान लाखों भक्त लालबाग के राजा के दर्शन के लिए मुंबई आएंगे. सनातन धर्म में गणपति बप्पा को प्रथम पूज्य माना जाता है. विवाह, यज्ञोपवीत, यज्ञ या कोई भी संस्कार गणपति के आह्वान और पूजा के बिना अधूरा माना जाता है. गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि-विवेक का अधिष्ठाता देव कहा गया है. एक रहस्य यह भी है कि भगवान शिव और माँ पार्वती के विवाह में भी विधिवत गणेश पूजा संपन्न हुई थी. गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस के बालकांड में लिखा है: "मुनि अनुशासन गणपति ही पूज्य संभु भवानी को सुनी संसय करे, जनी सुर अनादि जिया जानी." इसका अर्थ है कि मुनियों की आज्ञा से शिव और पार्वती ने अपने विवाह में गणेश जी का पूजन किया, क्योंकि देवता यानी गणेश जी अनादि हैं, उनका आदि और अंत नहीं है. गणेश जी का लौकिक स्वरूप भी जीवन जीने की कला सिखाता है, जैसे बड़ा सिर नेतृत्व क्षमता, छोटी आंख एकाग्रता, बड़े कान सबकी सुनना, छोटा मुंह कम बोलना, बड़ी सूंड दक्षता का प्रतीक है. उनके हाथों में मोदक, पाश और अंकुश भी जीवन के गूढ़ संदेश देते हैं. गणेश जी ने रिद्धि और सिद्धि से विवाह किया, जिनके पुत्र शुभ और लाभ हैं. यह संपन्नता और आध्यात्मिक शक्ति के सामंजस्य का प्रतीक है.