प्रसिद्ध गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने साहित्य आज तक के मंच पर अपने संघर्ष की कहानी साझा की. उन्होंने अमेठी के एक छोटे से गांव से निकलकर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के सफर को याद किया. मनोज ने उस घटना का ज़िक्र किया जब फटे जूतों की वजह से उन्हें एक प्रोडक्शन हाउस से बाहर निकाल दिया गया था, और उसी दिन उन्होंने सफलता पाने का प्रण लिया. उन्होंने बताया कि 'तेरी गलियां' उनका 40वां गाना था और 'तेरी मिट्टी' जैसे कालजयी गीत लिखने की प्रेरणा उन्हें कैफ़ी आज़मी और तुलसीदास जैसे महान कवियों से मिली. युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि सपने हमेशा अपनी औकात से बड़े देखने चाहिए और असफलता गिरने में नहीं, बल्कि गिरकर दोबारा न चलने का फैसला करने में है. इस बातचीत में उन्होंने शर्त रहित प्रेम पर भी अपने विचार रखे.