मार्कोस कमांडो भारतीय नौसेना की एक विशेष ऑपरेशन फोर्स यूनिट है. इनकी ट्रेनिंग इतनी मुश्किल होती है कि हर किसी के लिए इसे क्वालीफाई कर पाना आसान नहीं होता. पहले चार सप्ताह का टेस्ट होता है, जिसमें सफल होने पर डेढ़ साल की हाड़तोड़ ट्रेनिंग दी जाती है. यह ट्रेनिंग इतनी मुश्किल होती है कि 1000 जवानों में से कोई एक ही ट्रेनिंग पूरी कर पाता है. मार्कोस कमांडो समंदर की सतह से 55 मीटर नीचे 15 मिनट तक बिना ऑक्सीजन उपकरण के रह सकते हैं. ये जल, थल और नभ तीनों में दुश्मन से लोहा ले सकते हैं. मार्कोस कमांडो को सेना में मौजूद हर तरह के हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. ये 1987 से अब तक कई बड़े ऑपरेशन्स में अपनी भूमिका निभा चुके हैं, जिनमें पवन ऑपरेशन, कैक्टस ऑपरेशन, ताशा ऑपरेशन, जबरदस्त ऑपरेशन, कारगिल वॉर, ब्लैक टॉर्नेडो ऑपरेशन और राहत ऑपरेशन शामिल हैं. वर्तमान में 1200 मार्कोस कमांडो हर वक्त अलर्ट मोड पर रहते हैं.